Bihar Motihari eastern Champarn News

  • स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दें इस्तीफा, दर्जनों लोगों को बना दिया अंधा : अभिजीत सिंह




मोतिहारी,पू.चम्पारण (बिहार) : जन अधिकार पार्टी के प्रदेश सचिव सह प्रवक्ता अभिजीत सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए मुजफ्फरपुर के निजी अस्पताल में गलत ऑपरेशन से आंखों की रोशनी जाने व उनकी आंख निकाले जाने पर कहा कि जनता समझ चुकी है कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है.

बीते 22 नवंबर को अस्पताल में कोई भी परमानेंट डॉक्टर मौजूद नहीं था. बाहर से एक डॉक्टर को बुलाया गया, जिसने 6 घंटे में 65 लोगों की आंख का ऑपरेशन कर दिया. अस्पताल के सहायक प्रशासक दीपक कुमारने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के निर्देश पर बाहर से डॉक्टर को बुलाया गया. डॉक्टर ने ऑपरेशन करने में किसी तरह की परेशानी व्यक्त नहीं की और तीन-तीन घंटे की दो शिफ्ट में 65 मरीजो का आंख का ऑपरेशन कर दिया. 


यहां विशेष बात ये है कि एमसीआई ( MCI Guideline) की गाइड लाइन के मुताबिक एक डॉक्टर दो शिफ्ट में 30 से ज्यादा ऑपरेशन नहीं कर सकता है. 

जिन लोगों की आंख का ऑपरेशन हुआ, उन्हें ऑपरेशन के बाद से ही परेशानी शुरू हो गयी, जब वे लोग शिकायत लेकर आये, तो उनमें से कुछ लोगों अस्पताल प्रबंधन की ओर से आनन-फानन में इलाज के लिए पटना की एक निजी क्लीनिक में ले जाया गया, जहां डॉक्टर मरीजो की हालत देख कर कह दिया कि इन सभी लोगों की आंख निकालनी पड़ेगी, क्योकि इनकी रोशनी पूरी तरह से चली गयी है.

इतना बड़ा कांड होने के बाद भी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.  जिनकी आंखें खराब हुई हैं उनके परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए


  • शराबबंदी सरकार के कमाई का है एक जरिया:- अभिजीत सिंह


 सिंह ने कहा कि शराबबंदी पूरी तरह विफल है। पूरे राज्य में आज शराब माफियाओं का राज है।शराबबंदी लागू होने के बाद भी बिहार में सभी जगह चोरी छुपे शराब बिक रही है। 

  • शराबबंदी सरकार के कमाई का एक मात्र जरिया बन चुकी है।

आज जेल में बंद जितने भी लोग हैं उसमें 90% लोग गरीब मजदूर और छोटे तबके के हैं।नीतीश कुमार का शराबबंदी पूरी तरीके से विफल है, और यह केवल और केवल ढकोसला है


  • देश में अपनी विफलताओं को छुपाने के लिये नेता भारत –पाकिस्‍तान की बात करने लगते हैं


इसके बाद जाप नेता अभिजीत सिंह ने जम्मू कश्मीर पर कहा कि भाजपा नेताओं ने धारा 370 हटने के बाद कहा था कि इससे जम्मू कश्मीर में बिहार के लोगों को रोजगार मिलेगा। बिहार के लोग वहां अपनी जमीन खरीद सकते हैं लेकिन हुआ क्या  जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र द्वारा लोगों के द्धारा चुनी हुई सरकार को हटाकर दो भागों में बांट दिया गया और वसूली के लिये दोनों जगह अपना एजेंट बैठा दिया गया।

उन्‍होंने कहा कि भाजपा और उनके नेता देश में अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए हर बार हिन्दू-मुस्लिम और भारत –पाकिस्‍तान   की बात करने लगते हैं।



  • चिरैया तो दूर की बात है अगर पवन जयसवाल जी ढाका से भी चुनाव लड़े तो वह हार जाएंगे।



पंचायत चुनाव के दौरान चिरैया में जनसंपर्क करने के सवाल पर अभिजीत सिंह ने कहा कि चिरैया 42 जिला परिषद से मैं पूर्व जिप अध्यक्ष मंजू देवी के लिए यहां जनसंपर्क कर रहा हूं। यहां पर आकर बाहरी लोग यह ढकोसला पीट रहे हैं कि उन्होंने बहुत सारा काम किया है, ढाका के माननीय विधायक पंचायत चुनाव में मुखिया में हारने के बाद अपनी पत्नी को 42 चिरैया क्षेत्र से चुनाव जीतना चाहते हैं और कह रहे हैं कि जीप अध्यक्ष रहते हुए उनके पत्नी के द्वारा काफी काम किया गया है जो कि बिल्कुल गलत है उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जिला परिषद के पुराने सभी जमीनों को बेचने का और अपने दलालों को औने पौने दाम पर देने का काम किया है जो व्यक्ति अपने घर जाने के लिए फुलवरिया घाट का निर्माण ना करा सका वह भी केवल इसलिए कि वसूली का खेल चलता रहे। वह चिरैया जिला परिषद क्षेत्र का क्या विकास करेगा। चिरैया तो दूर की बात है अगर पवन जयसवाल जी ढाका से भी चुनाव लड़े तो वह हार जाएंगे।


 जब घोड़ासहन विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था तो चिरैया उसका एक महत्वपूर्ण अंग था इसलिए चिरैया हमारा घर है और हम यहां अपने लोगों के बीच आए हैं औऱ अपने उम्मीदवार मंजू देवी के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं ।



*खेतों में रवि फसल की बुवाई के लिए ना बीज मिल रहा है और ना ही खाद*


 इसके पहले श्री सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को मारना चाहती है आज भी किसान आत्महत्या करने को मजबूर है

  केंद्र सरकार ने भले ही कृषि कानून वापस ले लिया हो लेकिन बिहार सहित पूरे देश में किसानों की समस्या नहीं बदली है अभी भी किसानों की स्थिति बद से बदतर है. 

बिहार के किसानों के हालात यह हैं कि अभी भी उनके खेतों में रवि फसल की बुवाई के लिए ना बीज मिल रहा है और ना ही खाद ।

लिहाजा किसानों को उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ खाद और बीज की जो समस्या है वह भी सरकार दूर करें. 

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