Mohan Bhagwat's Statement Viral News Cutting False : मोहन भागवत ने धर्म में आस्था कम होने का नहीं दिया बयान



  • Mohan Bhagwat's statement viral news cutting false: मोहन भागवत ने धर्म में आस्था कम होने का नहीं दिया बयान


हालांकि मैं तो पूरी तरह मुतमइन हूं कि मोहन भागवत ऐसी बात कभी नहीं  कह सकते, इसके बावजूद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उनके  पदाधिकारियों के तमाम  सोशल मीडिया लिंक को खंगाला गया, लेकिन कहीं भी इस आशय का बयान पढ़ने को नहीं मिला है।
हम आपको बता रहे हैं इन दिनों सोशल मीडिया विशेष रूप से वाट्सएप पर फेक "अखबार में प्रकाशित दर्शाई गई एक न्यूज कटिंग"  वायरल हो रहे बयान के बारे में।

मजे की बात है कि जहां, कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ सजगता और सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है वहीं, दूसरी ओर इसको लेकर झूठी और भ्रामक सूचनाएं तेजी से फैलाई जा रही हैं। इसमें एेसे भोले-भाले सोशल मीडिया वाट्सएप उपयोगकर्ता कुछ साजिशकर्ताओं के हाथों की कठपुतली बन जाते हैं, जो झूठ और सच में फर्क ही नहीं कर पाते हैं। इसी का नतीजा है कि झूठी खबरें न केवल देखते ही देखते करोड़ों लोगों तक पहुंच जाती हैं, बल्कि तमाम लोगों द्वारा सच भी मान ली जाती हैं। इन दिनों वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया कि कोरोना ने धर्म के प्रति उनकी आस्था कम कर दी है। कथित "अखबार की एक कटिंग" में भागवत की फोटो लगाकर वायरल किया जा रहा है। इस दावे के बाद संघ और समाज में कई तरह की बातें उठने लगी हैं। हालांकि संघ के पदाधिकारियों ने भी इस दावे को फर्जी करार दिया है।

  • वायरल मैसेज में  दावा:  मोहन भागवत बोले- कोरोना ने तोड़ी धर्म में आस्था


  • मैसेज का सच : संघ प्रमुख भागवत ने नहीं दिया ऐसा कोई बयान


व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर समेत अन्य तमाम  सोशल प्लेटफॉर्म पर "कथित अखबार में प्रकाशित खबर की कटिंग"  को फॉरवार्ड किया जा रहा है। मौर्य टाइम्स को भी एक जागरूक नागरिक ने भागवत की फोटो लगी कटिंग भेजकर पूछा कि सच में मोहन भागवत ने ऐसा बयान दिया है। यह मैसेज तेजी से सोशल साइट्स पर फैलाया जा रहा है।


  • वायरल मैसेज की सच्चाई ?


मैसेज की पड़ताल की गई । हमने सबसे पहले गूगल सर्च किया, जिसमें भागवत से संबंधित ऐसी कोई खबर नहीं मिली। उसके बाद हमने आरएसएस और उनके पदाधिकारियों के तमाम सोशल मीडिया लिंक खंगाले, लेकिन कहीं कुछ ऐसी कही गई बात पढ़ने, सुनने और देखने को नहीं मिली।      अखबार की कटिंग को भी यदि गौर से देखा जाए तो केवल किसी शरारती तत्व की कारस्तानी साफ नजर आती है।


  • आरएसएस पदाधिकारी ने किया खंडन


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने किए ट्वीट में लिखा है कि "रा.स्व.संघ के पू.सरसंघचालक मोहन भागवत के नाम पर सोशल मीडिया में एक फेक न्यूज़ चल रही है। पू.सरसंघचालक जी ने ऐसा कोई वक्तव्य नहीं दिया है। यह समाज तोड़ने वाली शक्तियों का अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समाज में अनास्था, अराजकता और समाज विघटन के प्रयास का एक षड्यंत्र है।"


  • नतीजा: सोशल मीडिया पर खबर की कटिंग झूठी और साजिशपूर्ण है


राष्ट्रीय स्वयं संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के नाम पर सोशल मीडिया में वायरल  न्यूज कटिंग एक फेक न्यूज़ है। सरसंघचालक ने ऐसा कोई वक्तव्य नहीं दिया है। यह समाज को तोड़ने वाली शक्तियों का शरारत भरा कार्य है।


  • भागवत ने लॉकडाउन के पालन की बात कही 


 26 अप्रैल को संघ प्रमुख मोहन भागवत मीडिया से मुखातिब हुए थे। उस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए नई बीमारी है। इस समय मानवता में विश्वास करने वाले सभी लोग एकजुट होकर इस संक्रमण का मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना से जंग घर में रहकर ही जीती जा सकती है और इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। उन्होंने सभी लोगों से घर में रहकर लॉकडाउन पालन करने की अपील की थी।
मोहन भागवत ने कहा था कि हमारा समाज है, ये हमारा देश है, इसलिए काम कर रहे हैं। कुछ बातें सभी के लिए स्पष्ट है और सबकुछ सटीक रूप से किसी को पता नहीं है। ऐसे में सावधानी बरतकर काम करें। स्वयंसेवक को कभी भी थकना नहीं चाहिए और प्रयास करते रहना चाहिए।


  • दिल्ली से मौर्य टाइम्स के लिए राजेश्वरी मौर्य की रिपोर्ट 

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