कोरोना बना छुआछात का नया कारण, समाज के बुरे बर्ताव से संक्रमित रहा युवक अपना घर बेचने को मजबूर
                                                                                                                                                                       मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य
हजारों वर्षों से जाति, धर्म और रंगभेद के चलते छूआछात का दंश झेल रहे समाज को अब कोरोना का नया नाम मिल गया है, जिसके संक्रमण के चलते सरकार की ओर से कानूनन एक दूसरे के बीच सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जा रहा है। यह सही भी है कि संक्रमित व्यक्ति सहित इसके पूरी तरह सफाया होने तक सभी को आपस में न्यूनतम दूरी बनाकर भी रखनी चाहिए, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे हैं। कुछ असामाजिक तत्व जहां अपनी गंदी सोच, व्यक्तिगत रंजिश के चलते झूठी सूचनाएं प्रशासन को देकर लोगों को प्रताड़ित करा रहे हैं। एेसी भी तमाम खबरें मीडिया में पढ़ने और देखने को मिल रही हैं, जब मजबूरी में कहीं राह में जा रहे राहगीर को बुरी तरह पीटा जा रहा है। पुलिस कहीं चालान कर रही है तो कहीं बिना लक्षण ही क्वारंटीन सेंटर में भेजा जा रहा है।
अब मध्यप्रदेश से एक नई खबर आ रही है, जहां कोरोना संक्रमित युवक स्वस्थ होने के बावजूद समाज में "छुआछूत" का शिकार हो रहा है। एक जानकारी और मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक मध्य प्रदेश के शिवपुरी में कोरोना से ठीक हुए एक व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है जिसके चलते युवक को अपना घर बेचना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि शिवपुरी में रहने वाले दीपक शर्मा कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन उसको अपने पड़ोसियों के बुरे बर्ताव की वजह से मजबूरी में अपना घर बेचना पड़ रहा है। पड़ोस में रहने वाले लोगों ने उसके दूध वाले, सब्जी वाले आदि सबको उसे कुछ भी देने से मना कर दिया। पड़ोसी कहते हैं कि जहां इनके कदम पड़ते हैं वहां से मत जाना कोरोना हो जाएगा।
मध्यप्रदेश का यह एक मामला उदाहरण मात्र हो सकता है, जो कोरोना के कारण समाज में अगली एक बड़ी गंभीर समस्या का संकेत दे रहा है। सरकार को इस ओर सचेत होकर स्वस्थ हो रहे कोरोना संक्रमित लोगों को संरक्षण देने के साथ ही उनके पड़ोसियों को बहुत ही जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे समाज में "छुआछात" के शिकार न हों।
हजारों वर्षों से जाति, धर्म और रंगभेद के चलते छूआछात का दंश झेल रहे समाज को अब कोरोना का नया नाम मिल गया है, जिसके संक्रमण के चलते सरकार की ओर से कानूनन एक दूसरे के बीच सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जा रहा है। यह सही भी है कि संक्रमित व्यक्ति सहित इसके पूरी तरह सफाया होने तक सभी को आपस में न्यूनतम दूरी बनाकर भी रखनी चाहिए, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे हैं। कुछ असामाजिक तत्व जहां अपनी गंदी सोच, व्यक्तिगत रंजिश के चलते झूठी सूचनाएं प्रशासन को देकर लोगों को प्रताड़ित करा रहे हैं। एेसी भी तमाम खबरें मीडिया में पढ़ने और देखने को मिल रही हैं, जब मजबूरी में कहीं राह में जा रहे राहगीर को बुरी तरह पीटा जा रहा है। पुलिस कहीं चालान कर रही है तो कहीं बिना लक्षण ही क्वारंटीन सेंटर में भेजा जा रहा है।
अब मध्यप्रदेश से एक नई खबर आ रही है, जहां कोरोना संक्रमित युवक स्वस्थ होने के बावजूद समाज में "छुआछूत" का शिकार हो रहा है। एक जानकारी और मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक मध्य प्रदेश के शिवपुरी में कोरोना से ठीक हुए एक व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है जिसके चलते युवक को अपना घर बेचना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि शिवपुरी में रहने वाले दीपक शर्मा कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन उसको अपने पड़ोसियों के बुरे बर्ताव की वजह से मजबूरी में अपना घर बेचना पड़ रहा है। पड़ोस में रहने वाले लोगों ने उसके दूध वाले, सब्जी वाले आदि सबको उसे कुछ भी देने से मना कर दिया। पड़ोसी कहते हैं कि जहां इनके कदम पड़ते हैं वहां से मत जाना कोरोना हो जाएगा।
मध्यप्रदेश का यह एक मामला उदाहरण मात्र हो सकता है, जो कोरोना के कारण समाज में अगली एक बड़ी गंभीर समस्या का संकेत दे रहा है। सरकार को इस ओर सचेत होकर स्वस्थ हो रहे कोरोना संक्रमित लोगों को संरक्षण देने के साथ ही उनके पड़ोसियों को बहुत ही जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे समाज में "छुआछात" के शिकार न हों।
 

 
 
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