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Showing posts from 2022

This is A Histry Mughal Empire last King Bahadur Shah Zafar बहादुर शाह जफर धूल में मिल गए लेकिन अंग्रेजों से नही मिले

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एक इतिहास यह भी  बहादुर शाह जफर : मुल्क के लिए धूल में मिल गए लेकिन अंग्रेजों से नहीं मिले जब मुगलों ने पूरे भारत को एक किया तो इस देश का नाम कोई इस्लामिक नहीं बल्कि 'हिन्दुस्तान' रखा.. हाँलाकि इस्लामिक नाम भी रख सकते थे, कौन विरोध करता?? जिनको इलाहाबाद और फैजाबाद चुभता है वह समझ लें कि मुगलों के ही दौर में 'रामपुर' बना रहा तो 'सीतापुर' भी बना रहा. अयोध्या तो बसी ही मुगलों के दौर में.  'राम चरित मानस' भी मुगलिया काल में ही लिखी गयी. आज के वातावरण में मुगलों को सोचता हूँ, मुस्लिम शासकों को सोचता हूँ तो लगता है कि उन्होंने मुर्खता की.  होशियार तो ग्वालियर का सिंधिया घराना, मैसूर का वाडियार घराना, जयपुर का राजशाही घराना, जोधपुर का राजघराना था. टीपू सुल्तान हों या बहादुरशाह ज़फर बेवकूफी कर गये और कोई चिथड़े-चिथड़ा हो गया तो किसी को देश की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई और सबके वंशज आज भीख माँग रहे हैं. अँग्रेजों से मिल जाते तो वह भी अपने महल बचा लेते और अपनी रियासतें बचा लेते, वाडियार, जोधपुर, सिंधिया और जयपुर राजघराने की तरह उनके भी वंशज आज ऐश करते, उनके भी बच्चे

Rajeshwari Maurya shat what Naman राजेश्वरी मौर्य: शत शत नमन

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जिसके लिए  अरमां  सजाए बगिया में, अब वो  फूल  ही नहीं  रहा  इस दुनिया  में। किस कंधे  पर सिर रखकर  रोऊं, नहीं  दिखता कोई  जिसको  अपना दर्द  बताऊं। सब कुछ  है  फिर भी  हर ओर  वीराना  दिखता है। जहां में  हर रोज  देखे  खूब दुख, पर  अपने दुख  ने  पूरा जहां  बेगाना  बना दिया। -अकेला पक्षी

Bherm Sansad Special session 19 &20 nov in New Delhi दिल्ली में 19 और 20 नवंबर को होगा भीम संसद का विशेष सत्र

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 दिल्ली में 19 और 20 नवंबर को होगा भीम संसद का विशेष सत्र  भीम संसद के संयोजक देश के प्रमुख दलित नेता जयभगवान जाटव ने बताया कि भीम संसद का राष्ट्रीय स्तर का सत्र दिनांक 19 व 20 नवंबर 2022 (शनिवार और रविवार) को अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड नई दिल्ली में होगा ।  जाटव का कहना है कि भीम संसद के गठन से अभिप्राय है कि कोई भी गैर-राजनीतिक संगठन या अन्य संस्था, सामाजिक कार्य कराने में असक्षम ही साबित हुए हैं । प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई 51वीं बैठक में फैसला लिया गया था कि SC/ST वर्गों को 10 साल के अंदर सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास  द्वारा सामान्य वर्गों के बराबर लाया जाएगा । परन्तु भारत सरकार या राज्य सरकार ने एक भी नई योजना द्वारा इस अंतर (GAP) को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है और दलित वर्गों को सीधा धोखा दिया है । बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर जी से किए गए वादे के बाद भी कई बार इस प्रकार के प्रस्ताव पास किए गए हैं। परन्तु हमारे किसी भी संगठन ने सरकार का ध्यान इन प्रस्तावों के पास होने के लिए नहीं खींचा है । मुख्य मुद्दा भीम संसद में यहीं रहेगा और सरकार पर नई योजनाओं के लाने एवं

Ganga kartik mela गंगा कार्तिक मेले में सड़कों पर किसानों की बोगियों का रैला, गंगा किनारे तंबुओं का डेरा

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 गंगा कार्तिक मेला : सड़कों पर किसानों की बोगियों का रैला, गंगा किनारे तंबुओं का डेरा अनिल मौर्य     उत्तर प्रदेश की पश्चिमी दिशा में बहने वाली श्रद्धा की गंगा में स्नान को पवित्र आस्था से जुड़ा माना जाता है। हर माह अमावस्या और पूर्णिमा को लोग स्नान को पवित्र और पुण्य मानते है। इनमें दीवाली के बाद कार्तिक की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। गंगा के उद्गम गंगोत्री से लेकर समुद्र में विलय तक के मार्ग में विभिन्न शहरों में गंगा में स्नान को अपनी आस्था के मुताबिक पुण्य माना जाता है। जगह  जगह मेले लगते हैं। यह हजारों सालों से समय के साथ तमाम बदलावों के साथ यूं ही जारी है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा के मेले पर गढ़मुक्तेश्वर और अन्य स्थानों पर कोरोना काल के बाद में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। यही कारण हैं कि बिना किसी रोक-टोक के रोके नहीं रुक रहे भैंसा-बोगी से जाने वाले श्रद्धालु। जिसको लेकर प्रदेश सरकार की पाबंदी भी धरी रह गई। केन्द्रीय राज्य मंत्री डा.संजीव बालियान को भी इस पाबंदी का विरोध करना पड़ा। जिससे पाबंदी लगाने वाले प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री को भी बेबसी का सामना करना पड़ ग

How TULSI profitable for health : तुलसी कैसे हो सकती है आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी...आओ जानें

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 तुलसी : पुण्यकारक है, सेहत हेतु मुफीद भी ! के. विक्रम राव  @Kvikramrao                 हाल ही में लखनऊ के एक साहित्यिक आयोजन में शरीक हुआ था। अनूठी प्रतीति हुई। मनभावन लगी। साझा करने की इच्छा जगी। कारण था कि इस बौद्धिक समारोह में वक्ताओं के अभिनंदन पर न तो महकते फूलों का कोई हार मिला। न कोई रंगीन गुलदस्ता, न ऊनी शाल, ना रेशमी उत्तरीय।  बस पाया तो सादर प्रणाम तथा प्लास्टिक गमले में रोपित श्याम हरी तुलसी का पौधा। नायाब भेंट है। आप्त अनुष्ठान लगा। सभाओं इस रस्म का प्रयोग असरदार था, मौसम पर विशेषकर। बंजर पर रोक, प्राणवायु को बाधित न होने देना।  इससे आंगन की शोभा ज्यादा बढ़ेगी ही। कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, वे बताते हैं कि विष्णुवल्लभ और कृष्णप्रिया होने के कारण लक्ष्मी और राधा की तुलसी सौतन है। यह भ्रामक है, क्योंकि नाम अनेक हैं पर व्यष्टि तो एक अकेली है। विपर्यक नहीं है। आज निर्माण योजनाओं से जंगल फैल रहे हैं। उर्वरता घटती और बंजरता बढ़ती जा रही है। अत: तुलसी की आवश्यकता और उपयोगिता अधिक हो गई है।   इसे स्वास्थ्य से जोड़ें भागवत पुराण में तुलसी को जड़ी बूटियों की महारानी कहते हैं। फलों

India's son Rishi Sunak Prime minister of British Government in London भारत का बेटा ऋषि सुनक लंदन में ब्रिटिश सरकार का प्रधानमन्त्री

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 इतिहास ही ऐसा जो चमक रही सुनक की कीर्ति  के. विक्रम राव    @Kvikramrao जब राजा चार्ल्स ने लंदन के अपने ढाई सदी पुराने बर्मिंघम राजमहल में ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री नामित (मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022) किया था तो उसी वक्त नई दिल्ली की चाणक्यपुरी के शान्तिपथ - स्थित ब्रिटिश उच्च आयोग में राजदूत एलिस एलेक्सेंडर पत्रवार्ता को हिन्दी में सम्बोधित कर रहे थे। परिवर्तन की लहर सात हजार किलोमीटर दूर झलक रही थी। इस रेस्त्रां कर्मचारी रहे सुनक को बधाई देने वाले में सर्वप्रथम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी थे, जो स्वयं चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री पद पर आरूढ़ हुये हैं। मगर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सुनक को बधाई नहीं दी। कारण ? सुनक ने यूक्रेन का पक्ष लिया था, उसका समर्थन किया था। सुनक की घोषणा कि वे शपथ को भगवतगीता को साक्षी मानकर लेंगे तो यह एक साधारण वाकया होगा। सांसद तथा वित्तमंत्री की शपथ भी वे इसी प्रकार ले चुके हैं। यूँ तो सभी काबीना मंत्री बाईबल की कसम खाते हैं। भारतीय मूलवाले भी। यह सुनक है भाई अतः उत्कंठा तो जगती ही है कि आखिर यह ऋषि सुनक हैं क्या ? इनकी कौटुंबिक पृष्ठभूमि क्या है? यह

PEC Demands Probe I Murder of Pak Journalist in Nairobi

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 PEC demands probe into murder of Pak journalist in Nairobi Geneva, Switzerland : Press Emblem Campaign (PEC), the global media safety and rights body, condemned the murder of Pakistani journalist Arshad Sharif (50) in Nairobi, who becomes the 102nd media victims so far in 2022 and urged the Kenya government to fairly probe into the incident that led to his demise. The broadcast journalist in exile, who was critical to the Pak military agencies, was shot dead by armed personnel on Sunday night, stated his wife Javeria Siddique. A former reporter with ARY TV Arshad fled to Kenya in August following troubles in his country. A Karachi-born Arshad started his journalistic career three decades back and emerged as a popular media personality with his investigative reports. A master’s degree holder in media studies, Arshad also worked with Aaj News, Dunya TV, Dawn News, etc. Pakistan Federal Union of Journalists along with a large number of media workers condoled his untimely demise. “We dema

BJP against to congress's Bharat jodo yatra भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहे समर्थन से घबराई भाजपा, राहुल गांधी के खिलाफ चला रहे हैं अनर्गल टिप्पणी की मुहिम

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भारत जोड़ों यात्रा को मिल रहे समर्थन से घबराई भाजपा, राहुल गांधी के खिलाफ चला रहे अनर्गल टिप्पणियों की मुहिम... कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहे समर्थन से लगता है भारतीय जनता पार्टी घबरा रही है इसलिए समय-समय पर राहुल गांधी के व्यक्तित्व और चरित्र को अपमानित करने के लिए मुहिम चलाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही है। इन दिनों भाजपा के सोशल मीडिया एक्टिविस्ट जहां तरह-तरह की अनर्गल टिप्पणियों का अभियान चला रहे हैं वहीं भाजपा नेता मजाकिया अंदाज में गली मोहल्लों के सड़कछाप नेताओं की तरह टिप्पणी कर रहे हैं। कुछ माह पहले ही कैबिनेट से बाहर किए गए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि "भारत जोड़ो यात्रा के बहाने ही सही राहुल गांधी की एक्सरसाइज हो जाएगी"। अब फिल्म अभिनेत्री पूनम कौर को लेकर तो भाजपा नेता प्रीति गांधी खुद भी ट्रोल हो गई है। राहुल गांधी की पूनम कौर संग तस्वीर पोस्ट कर फंसीं प्रीति गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर हैं। राहुल गांधी और साउथ इंडियन ऐक्ट्रेस पूनम कौर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वाय

Amitabh Bachchan Admitted in Hospital, Jaya Bachchan and Abhishek Bachchan

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 अमिताभ बच्चन की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती,  जया बच्चन और अभिषेक बच्चन चिंतित…   साल 2022 यह साल बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए कुछ अच्छा साबित नहीं हुआ है क्योंकि इस साल बॉलीवुड में अपने कई दिग्गज अभिनेताओं को खो दिया है! ऐसे में अब अमिताभ बच्चन को लेकर भी मीडिया से एक बुरी खबर सामने आ रही हैं! जी हां बताया तो ऐसा जा रहा है कि बॉलीवुड के महानायक की हालत काफी गंभीर हैं जिसके चलते अस्पताल में  उनको आराम करने की सलाह दी गई है! जैसा की आप लोगों को मालूम होगा कि वर्तमान में कौन बनेगा करोडपति की शूटिंग जोरों शोरों से चल रही है जिसके होस्ट अमिताभ बच्चन हैं वहीं इस साल भी कौन बनेगा करोड़पति चल रहा है और इस बीच खबर तो ऐसी सामने आ रही है कि जूतों में लगी हुई कील के चलते उनके पैरों की नस कट गई है जिसके चलते काफी ज्यादा ब्लड आने लग गया और तत्कालीन रूप से अमिताभ बच्चन को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया! वहीं अमिताभ बच्चन ने रविवार को यह बताया है कि उनके दाएं पैर की एक नस कट जाने की वजह से हाल ही में उनको अस्पताल पहुंचना पड़ गया था और इस साल 80 साल के हो चुके अमिताभ बच्चन ने अपने आधिकारिक ब्लॉग पर य

Elon Musk become infamous by buying Twitter and removing the Indian CEO

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  ट्विटर को खरीद कर बड़े नामी और भारतवासी सीईओ को हटाकर बदनाम हो गए एलन मस्क  राजेश्वरी मौर्य  ट्विटर को ही हाल ही में खरीदने वाले एलन मस्क ने जहां अपने नाम चर्चाओं का एक बड़ा खिताब हासिल किया वही वहीभारत के मूलनिवासी अपने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल  को हटाकर भारत जैसे बड़े ट्विटर उपयोगकर्ता देश के लोगों को  नाराज किया है एलन मस्क ने Twitter के CEO पराग अग्रवाल को हटाया, एक अधिकारी को बिल्डिंग से बाहर निकलवाया ट्विटर में पिछले साल ही नियुक्त किए गए सीईओ पराग अग्रवाल की मस्क के साथ सार्वजनिक और निजी रूप से कहासुनी हो गई थी। ट्विटर के नए मालिक बनते ही एलन मस्क ने इस सोशल मीडिया कंपनी के चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटा दिया है. जिनमें भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल, कानूनी मामलों के कार्यकारी अधिकारी विजय गड्डे, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल और जनरल काउंसल सियान एजेट हैं. मामले से परिचित लोगों के अनुसार, सियान एजेट को इमारत से बाहर निकाला गया है. सियान साल 2012 से इस कंपनी से जुड़े हुए थे.  ब्लूमबर्ग के मुताबिक कंपनी का मालिक बनने के साथ ही मस्क का पहला मकसद नेतृत्व बदलना है.  शे

Indian federation of working journalists Demands Retention of Expanded Working journalist Act

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  IFWJ Demands Retention of Expanded Working Journalist Act   New Delhi : Indian Federation of Working Journalists (IFWJ)celebrated its 73rd foundation day yesterday i.e., 28th October 2022 all over the country. In a function held at the Press Club of India, the IFWJ President B V Mallikarjunaih, who specially came from Bengaluru to attend the meeting, underlined the need for retention of the exclusive Working Journalist Act, which must have the journalists of genres in its ambit.  He said that the Press Council should be scrapped to be replaced by an effective Media Council.   The meeting was attended by a large number of journalists from different media organisations.   DUWJ President A S Singh expressed concern over the apathetic attitude of government(s) over the unabated exploitation of workers and violation of labour laws by the owners of media houses. Shri Negi said that more than 30,000 journalists all over the country have been thrown out of their jobs after they asked for the

Santas of Panipat पानीपत के संत

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पानीपत के बुज़ुर्ग             संतो की दूर दृष्टि होती हैं साथ साथ वे त्रिकाल दर्शी भी होते है । हम सामान्य जन अपने जीवन की उठापटक में ही समय बिताते है  जबकि वे हमारे प्रारब्ध को जानते हुए हमारा मार्गदर्शन करते है ।   पानीपत जिस शहर में मेरा जन्म हुआ ऐतिहासिक महत्व का है साथ साथ उसके औद्योगिक विकास ने इसे नए आयाम भी दिए है और अब इसकी पहचान निर्यातक नगर के रूप में भी विश्व पटल पर जाना जाता है ।        पानीपत का कुल क्षेत्रफल 1,268 किलोमीटर है अर्थात 490 वर्गमील । दिल्ली से उत्तर की तरफ चलने पर 90 किलोमीटर सड़क मार्ग पर यह पहला बड़ा कस्बा है । सन 1857 से पहले तक यह जिला मुख्यालय भी हुआ करता था ,परंतु यहां के लोगों ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध क्रांति में बढ़ चढ़ कर भाग लिया जिस वजह से यहां से बदल कर करनाल को जिला मुख्यालय बना दिया और पानीपत को उसका उपमंडल। वर्ष 1991 में पानीपत को दोबारा जिला बनाया गया  और इसके साथ 190 गांवों को जोड़ा गया जिसमें से चार बड़े गांव समालखा, इसराना, मडलोडा  और बापौली  उन्हे उप तहसील।  रूहानियत पहचान     इसकी इनसे अलग एक रूहानियत पहचान भी है । लड़ाई का मैद

All India Radio declares Jyoti Basu a freedom fighter

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रेडियो के लिये ज्योति बसु स्वतंत्रता सेनानी हैं ! के. विक्रम राव                आज आकाशवाणी ने अपने समाचार बुलेटिन में ''आजादी के अमृत महोत्सव'' श्रृंखला में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट ज्योति बसु को भी स्वधीनता सेनानी की सूची में शामिल कर लिया। बखान भी काफी किया। यह सरासर मिथ्या है। सफेद झूठ है। इस अनीश्वरवादी बंग कम्युनिस्ट नेता का आज (17 जनवरी 2022) बारहवां निर्वाण दिवस है। बसु ( 8 जुलाई 1914) का जंगे आजदी से नाता तलाशना अंधरे कमरे में काली बिल्ली को ढूंढना जैसा है, जहां वह है ही नहीं। मानों हिंसक शेर को शाकाहारी कहना। स्वाधीनता—आन्दोलन में बसु  कभी भी जेल नहीं गये। ब्रिटिश राज का विरोध तक नहीं किया। क्रान्तिभूमि बंगाल में कभी भी किसी गोरे अफसर का सर गोली या लाठी से नहीं फोड़ा, जो तब आम बात थी। अलबत्ता तीन बार प्रधानमंत्री बनते—बनते बसु अटक गये। उन्हीं की पार्टीजनों ने लत्ती मार दी। यथा लालू यादव ने सजातीय मुलायम सिंह को लंगड़ी लगा दी और नतीजन कन्नड़ गड़रिया देवेगौड़ा की लाटरी खुल गयी थी। बसु ने (अगस्त 1942) नेताजी सुभाषचन्द बोस को जापानी प्रधानमंत्री हैडेकी टोर्जो और हिट

Homage to journalíst

 Homage to a Journalist K. Vikram Rao          An old man goes to death. But death came to Kamaal Khan, who had just crossed 49. As the saying goes, perhaps Allah Almighty deeply loved him, so He called him so soon.           In his last telecast last night (Friday, January 13) as a sensitive reporter, Kamaal commented on vanishing political morals. His regret was on rapidly defecting legislators, shorn of Ideological commitments. Kamaal’s bohemian habits in matters sartorial proved fatal. Lucknow had last night four degrees C. temperature. He was returning home after work, carelessly dressed. He suffered sudden stroke, never to breathe again. Was it a call of duty ? No ; cost of duty, Yes! I read Michelangelo who says : “death and love are two wings that bear the Good to the Heaven. Kamaal loved his wife (Ruchi Mathur Khan) deeply. Theirs was an inter-faith alliance. (I had attended the wedding reception at Raj Bhavan colony’s lawns.) So in his death Kamaal reached his next abode, the

UP election mayawati BJP Sapa priyanka Gandhi

 माया खोयी, राम छूटे, तो पाया क्या मौर्या जी ? के. विक्रम राव            चुनाव आया। दलबदल प्रक्रिया चालू हो गयी। मानों दोनों जुडवा हों ! घाघरा—चोली की मानिन्द। इतिहास देखें। पार्टी पलटने के एक माननीय विधायक हुए थे। आदि पुरुष थे। होडल (पलवल) हरियाणा के। इन्दिरा—कांग्रेस पार्टी में थे। नाम था श्री गया लाल। चौदह दिनों में तीन बार (1967) पार्टी बदली। सर्वप्रथम कांग्रेस (आई) के टिकट पर जीते। अगले सप्ताह जनता पार्टी में प्रविष्ट हुए। फिर मात्र नौ घंटे बाद घर (कांग्रेस) लौटे। तभी राव वीरेन्द्र सिंह ने चण्डीगढ़ मीडिया के समक्ष उन्हें पेश किया कि ''घर वापसी हो गयी।'' घोषणा भी कर दी कि विधायक गयालाल जहां थे वहीं अडिग, अविचल है। सरकार भी बन गयी। मगर गयालाल के नाम में अनुलग्न जुड़ गया 'आयाराम—गयाराम'' वाला।           अर्थात गयालाल जी गयाराम से फिर आयाराम बन गये। यह घिनौनी सियासी मौकापरस्ती पनपती रही, जबतक राजीव गांधी (1985) ने दलबदलू अवरोधक कानून संसद में पारित नहीं कराया। तभी यह प्रक्रिया अवरुद्ध तो हुयी। मगर विधानसभा अध्यक्षों ने, जैसे भाजपा के पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी

Ibadat and Islam

इबादत कितना इस्लामी ? के. विक्रम राव         केरल के राज्यपाल खान मोहम्मद आरिफ खान ने परसों (8 जनवरी 2022) भोले शंकर वाले उज्जैन के आरती— उत्सव में शिरकत की। इस अभिव्यक्ति से हर हिन्दू आह्लादित हुआ है। खलीफा अबू बक्र के अटल अनुयायी, साम्प्रदायिक एकजहती के क्रियाशील पैरोकार, सन्नत के अविचल समर्थक, इस्लाम पर ​विद्वत टिप्पणीकार, मिल्लत के निष्ठावान अनुगामी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवार्सिटी की छात्र यूनियन के महासचिव, कई बार केन्द्रीय तथा राज्य काबीना में काबीना मंत्री रहे खान साहब ने द्वादश ज्योतिर्लिंग के महाकाल की भस्मआरती में भी इबादत की। शिप्रा नदी तट पर स्थित स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान शिव की दर्शन—अर्चना हर अकीदतमं​द भारतीय अपना सौभाग्य मानता है।              जाहिर है कि मात्र एक ही किताब में निष्ठा रखनेवालों ने बवाला मचा डाला। हालांकि हर आस्थावान नागरिक को उसके व्यक्तिगत मामले में सेक्युलर संविधान धार्मिक आजादी पूर्णतया निर्बाध देता है।           केरल राज्य में बड़ी तादाद में मुसलमान बसे हैं। सत्ता में हिस्सेदारी अकसर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के हाथों में भी रही। यहीं से वायनाड के मुसल

PEC demands probe into china journalist killing

 PEC demands probe into China journalist’s killing Geneva: Press Emblem Campaign (PEC), the global media safety and rights body, condemns the killing of Chin journalist Pu Tui Dim by the Burmese military forces and demands a fair probe into the incidents that led to his death. Tui Dim died in the police firing at Matupi locality of Chin State in north-western Myanmar on 9 January 2022. The victim (35 years old) used to work for Khonumthung Media Group, an independent news agency covering Chin State, Kalay-Kabaw area, Indo-Myanmar border and overall Myanmar related issues in English and Burmese languages. Two teenagers were also killed in the police firing at the same location. “Tui Dim becomes the third journalist to be killed this year after Amady John Wesley and Wilguens Louissaint (both from Haiti). We demand authentic probes and also justice as well as adequate compensations to the victim families. Journalists must not be targeted by anyone anywhere in the world,” said  Blaise Lemp

Bihar Motihari eastern Champarn News

 स्वास्थ्यकर्मियों,फ्रंटलाइन कर्मियों के साथ 60 वर्ष के ऊपर के गंभीर रोग से ग्रसितों का कोविड टीकाकरण शुरू - डीएम व मंत्री प्रमोद कुमार ने किया टीकाकरण केंद्र का शुभारंभ - जिले के राधाकृष्णन भवन, टाउन हॉल, पुलिस लाइन सदर अस्पताल,रहमानिया, शरण नर्सिंग होम समेत कई जगह बनाए गए हैं टीकाकरण केन्द्र - सभी प्रखंड के पीएचसी व सीएचसी में होगा टीकाकरण  मोतिहारी पू चम्पारण (बिहार):   कोरोना महामारी की तीसरी लहर से  बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फ्रंटलाइन वर्कर एवं 60 प्लस गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों के कोविड टीके की प्रीकॉशनरी डोज़ का शुभारंभ सदर अस्पताल में गन्ना उधोग एवं कानून मंत्री प्रमोद कुमार व सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने किया। उन्होंने सदर अस्पताल मोतिहारी में बूस्टर टीकाकरण डोज का शुभारंभ करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों से कहा कि जो भी स्वास्थ्य कर्मी कोविड के टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं वे दूसरी डोज लगाने के 9 महीने बाद प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं। इससे महामारी से बचाव सम्भव है। उन्होंने कहा कि तय समय होते ही जल्द ही अन्य व्यक्तियों को भी टीकाकरण का मौका मिलेगा। मंत्री प्रमोद कुमार

Bihar Motihari eastern Champarn News

जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करें : एसपी मोतिहारी जिला पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने की अपराध गोष्ठी  मोतिहारी, पू चम्पारण (बिहार): मासिक अपराध गोष्ठी में पुलिस अधीक्षक  द्वारा सभी पुलिसकर्मियों को विनम्रता एवं जनोन्मुखी व्यवहार से जन सरोकार की समस्याओं का त्वरित समाधान करने का निर्देश दिया। पुलिस अधीक्षक  द्वारा लंबित कांडों, फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी, वारंट/कुर्की का लक्ष्य आधारित निष्पादन का आदेश दिया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रोडिक्टिव पुलिसिंग की संकल्पना के तहत आसूचना संकलन के लिए चौकीदारी परेड, साइबर सेनानी ग्रुप्स इत्यादि का मौलिक पुलिसिंग में अनुप्रयोग करने का निर्देश दिया गया। आधारभूत पुलिसिंग को सुदृढ़ करने हेतु ऑपरेशन प्रहार के तहत कारवाई, संवेदनशील कांडों का त्वरित विचारण, मद्यनिषेध में छापामारी के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त गिरफ्तारी एवं न्यायालय में दंडसिद्धि, इत्यादि बिंदुओं पर पुलिस अधीक्षक द्वारा तथ्यपरक समीक्षा कर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वयं सभी निर्देशों पर कृत कारवाई की समीक्षा 15 दिन के बाद की जायेगी। मासिक अपराध गोष्टी कोविड अनु

PEC demands actions against online abusers of women scribes

 PEC demands actions against online abusers of women scribes Geneva: Expressing shock over the repeated incident of targeting women, including many Indian scribes in social media, the global media safety and rights body Press Emblem Campaign (PEC) demands proper actions against the individuals behind the ‘Bulli Bai’ online application. It may be mentioned that over a hundred women, largely Muslim personalities, were listed with doctored photographs in the app as readied for online auction (to sell as maids) in the first week of January 2022. Those included in the list belong to various professions including journalism. Lately the app is being closed down. This is not the first time that a group of women is put on public auction. A similar humiliating app ‘Sulli Deals’ was made public in July 2021 targeting nearly 80 minority community women. Though there was no actual auction, the initiative was enough to abuse the women, who remained otherwise vocal against various injustices. Meanwhi

Nearly 2000 Journalists died with COVID 19 in 94 countries

 Nearly 2000 journalists died with Covid-19 in 94 countries Geneva:  (PEC) Nearly 2000 journalists died of Covid-19 in 94 countries since March 2020. Last year, in 2021, at least 1400 media workers succumbed to the virus, that is to say 116 par month or some 4 per day on average, announced Friday in Geneva the Press Emblem Campaign (PEC). No continent is spared by the pandemic. Of the 1940 journalists dead registered by the PEC since March 1, 2020, Latin America leads with half of the victims, or 955 deaths. Asia follows with 556 dead, ahead of Europe 263, then Africa 98 and North America 68. More than 50 casualties are still under investigation. The actual number of victims is certainly higher, as the cause of journalists' deaths is sometimes not specified or their deaths not announced. In some countries, there is no reliable information. The 2000 figure is a low estimate. According to PEC India representative Nava Thakuria, the vast south-Asian country might have lost over 400 me

Yogiji on Durdarshan

 दूरदर्शन पर योगीजी ! के. विक्रम राव           दूरदर्शन (7 व 8 जनवरी 2022) द्वारा आयोजित लखनऊ ''डीडी कॉन्क्लेव'' से अपेक्षा थी कि ताज होटल सभागार से निकल कर श्रोताओं और दर्शकों को राज्य में हो रहे परिवर्तन के बारे में ज्ञान तथा सूचना पर्याप्त मिलेगी। चर्चा व्यापक और प्रवाहमय होगी। यह संभव था। पर सोच के खांचे से बाहर आना पड़ता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मांगने पर नहीं मिलती, हासिल करना पड़ता है। इसीलिये निजी चैनल से प्रतिस्पर्धा में सरकारी तंत्र पिछड़ जाता रहा है। ऊपर से एक निजी व्यापारी मीडिया घराने को सह—आयोजक बनाकर दूरदर्शन ने अपनी विश्वसनियता पर दाग लगा लिया।            मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यवक्ता थे। कार्यक्रम का शीर्षक था : ''कितना बदला यूपी?'' मगर संवाद सुनकर लगा कि यह सियासी तौर पर प्रगतिशील प्रदेश अभी भी कच्छप रफ्तार पर ही है। एक तरफ अपनी बात पेश करने में योगीजी को अपरिमित लाभ हुआ। बहस में शिरकत न कर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बड़ा घाटा हुआ। मौका चूक गये। हालांकि पार्टी प्रवक्ता दीपक मिश्र ने फायर बिग्रेड की भूमिका निभाई। मायावती ने बजाय