Posts

Showing posts from February, 2012
मार्कंडेय काटजू की मीडिया को सलाह   प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने मीडिया को सलाह दी है कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध खासतौर पर यौन दुष्कर्मों के मामलों में रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरती जाए। काटजू का मानना है कि अगर पीड़िता के नाम रिपोर्ट में प्रकाशित हो जाते हैं तो उनके विवाह होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। भारत एक रूढ़िवादी देश है, इसलिए अगर आप ये रिपोर्ट छापते हैं कि किसी महिला के साथ बलात्कार हुआ है तो लोग उससे विवाह नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए मीडिया रिपोर्ट में पीड़ित महिला का नाम या पहचान उजागर करने से बचना चाहिए। काटजू ने इससे संबंधित निर्देश पीसीआई द्वारा सभी मीडिया हाउसों को जल्दी ही भेजने की भी बात कही है। हालांक‌ि काटजू ने यह बात   आंध्र प्रदेश के एक मामले की सुनवाई करते हुए कही है। इस मामले में बलात्कार पीड़ित महिला का नाम एक समाचार चैनल द्वारा प्रसारित कर दिया गया था, लेकिन इन दिनों नोएडा में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में भी यह चिंता ठीक समय पर मानी जा रही है। नोएडा में जहा
कैसे मानें अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार नागरिक ? जनता को मतदान के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल खुद मतदान नहीं कर पाए, ऊपर से तुर्रा यह कि मतदाता परिचय पत्र उनके पास है, लेकिन सूची में नाम नहीं है तो वे क्या कर सकते हैं?, जबकि निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण होने के बाद अनंतिम प्रकाशन और उसके बाद भी लोगों को अपने नाम अंकित कराने और ठीक कराने का मौका मिलता है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल जी अपनी जिम्मेदारी से भी बच नहीं सकते। यह भी सभी जानते हैं कि केजरीवाल  पहले ही ऐलान कर चुके थे कि गोवा जाने के कारण मतदान नहीं करेंगे, लेकिन आज पूरी तरह चाट बनाकर खबर बेचने का धंधा करने वाले खबरिया चैनलों ने जब उनको सुबह घेर लिया तो वह मतदान के लिए मजबूरन चले गए, जहां उनको पता चला कि सूची में उनका नाम ही नहीं है। जिस मतदाता फोटो पहचान पत्र को उन्होंने दिखाया, उसपर उनका नाम अरविंद लिखा है, जो नाम ही अधूरा है, ऐसे में उनको अपना नाम भी ठीक कराने के लिए आवेदन करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक होने का परिचय नही
केजरीवाल जी जुबान पर लगाम लगाओ ! टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने ग्रेटर नोएडा में शनिवार को यह कहकर सियासी बवाल पैदा कर दिया कि संसद में हत्यारे, लुटेरे और बलात्कारी बैठे हुए हैं। उनके इस बयान के बाद सभी राजनीतिक दलों ने उनके वक्तव्य पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इससे साफ है कि लोकतंत्र और संविधान में उनका विश्वास नहीं है। तमाम राजनीतिक दलों के आपत्ति करने के बावजूद आज पूरे दिन विभिन्न खबरिया चैनलों पर अरविंद केजरीवाल अपने बयान पर अड़े रहे। केजरीवाल का कहना है कि  ‘ संसद में 163 सदस्यों पर बेहद संगीन मामले दर्ज हैं। इसी संसद में बलात्कारी, हत्यारे और लुटेरे बैठे हैं। ऐसे में देश का भला कैसे होगा ? लोकपाल बिल पास होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।  गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्ति कैसे मिलेगी। अब तो संसद ही समस्या बन गई है। इसके चरित्र को बदलने की जरूरत है। ’ केजरीवाल भ्रष्टाचार के मामले में मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई को भी ड्रामा मानते हैं। यह कार्रवाई सिर्फ वोट बटोरने के उद्देश्य से की जा रही है। वैसे तो जबसे टीम अन्ना के आंदोलन को जब से देश की जनता ने तवज्जों
 STORY Horror gripped the heart of the World War I soldier as he saw his lifelong friend fall in battle. Caught in a trench with continuous gunfire whizzing over his head, the soldier asked his lieutenant if he might go out into the “no man’s land” between the trenches to bring his fallen comrade back.   “You can go,” said the lieutenant, “but i don’t think it will be worth it. Your friend is probably dead and you may throw your life away.” The lieutenant’s advice didn’t matter, and the soldier went anyway. Miraculously he managed to reach his friend, hoist him onto his shoulder and bring him back to their company’s trench. As the two of them tumbled in together to the bottom of the trench, the officer checked the wounded soldier, and then looked kindly at his friend. “I told you it wouldn’t be worth it,” he said. “Your friend is dead and you are mortally wounded.” “It was worth it, though, sir,” said the soldier. “What do you mean; worth it?” responded the Lieutenant.
क्या हो गया मायावती को ? उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती इन दिनों चुनावी दौरे में विभिन्न जनपदों में चुनावी सभा कर रही हैं। पता नहीं दलित की इस बेटी को क्या हो गया है ?, जब से वह पूर्ण बहुमत की सरकार की मुख्यमंत्री बनी हैं, उनको आम जनता से मिलने में दिक्कत होने लगी है। पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल में वह जहां भी गईं, वहां कर्फ्यू के से हालात बना दिए गए। रास्तों को बैरिकेडिंग करके सील कर दिया जाता रहा है, लेकिन अब जब चुनावी जनसभाएं हो रही हैं, तब भी वह जनसाधारण की पीड़ा को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। कल वह दिल्ली के ही निकट जिला बागपत में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंची थी। इस जनसभा की एक तस्वीर और खबर अखबारों और कुछ खबरिया चैनलों में देखकर मुझे काफी दुख हुआ कि जब मायावती के राज में खुद महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है, तो फिर उनसे सभी के लिए न्याय और सम्मान की कैसे  उम्मीद की जा सकती है। इस सभा में    जब मुख्यमंत्री मायावती संबोधित कर रहीं थीं, तभी एक महिला मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए आगे जाने लगी। पुलिस ने उसे रोकना चाहा तो उसने पुलिसकर्मियों स
केंद्र सरकार का अच्छा कदम केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के मामलों में राहत राशि दिए जाने के प्रावधान में बदलाव करते हुए राहत राशि में बढ़ावा कर दिया है। सरकार का यह फैसला सराहनीय है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक संशोधित नियम 2011, 23 दिसंबर 2011 से प्रभावी माना जाएगा, इसके मुताबिक कमाने वाले किसी एससी/एसटी की हत्या के मामलों में मुआवजे की राशि दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये,  बेरोजगार की हत्या के मामले में मुआवजा एक लाख से बढ़़ाकर 2.5 लाख और एससी/एसटी महिलाओं के साथ यौन शोषण के मामलों में मुआवजा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.2 लाख रुपये कर दिया गया है। इन नियमों की प्रतियां दलितों में जागरुकता फैलाने वाले एक स्वयंसेवी संगठन द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराई गई। इन नियमों में यह भी कहा गया है कि धारा 3(1) भाग-एक से धारा 3(1) भाग-दस तक आने वाले सभी मामलों में राहत राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दी गई है। साथ ही सेवा विक्रय संबंधित मामलों में भी मुआवजा 25 हजार की बजाय 50 हजार मिलेगा।
  अब ओमपुरी की नजर में अन्ना भी अनपढ़ गंवार दिल्ली में अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान पूरी संसद को अनपढ़ गंवार बताकर फंसे फिल्म अभिनेता ओमपुरी ने अन्ना हजारे को भी अनपढ़ गंवार बताते हुए चार-छह लोगों के हाथों की कठपुतली बताया है। पंजाब में एक  निजी कार्यक्रम में उन्होंने यह बयान देकर नया बखेड़ा खड़ा किया है।  ओमपुरी के अनुसार अन्ना की अपनी कोई समझ नहीं है। वह तो वही करते हैं जो अरविंद केजरीवाल सरीखे लोग उनसे करवाते हैं। देर से ही सही अन्ना की आरती उतारने वाले लोगों को भी अब असलियत समझ में आने लगी है। वे जानने लगे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की आड़ में टीम अन्ना का असल खेल कुछ और ही चल रहा है।   
साबित हुई अन्ना हजारे की आएएसएस से साठगांठ  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पटना में अन्ना हजारे की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए कहा कि न जाने क्यों अन्ना हजारे इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि उनके द्वारा पिछले साल चलाए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में संघ कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था। संघ प्रमुख ने दावा किया कि अन्ना हजारे द्वारा चलाए गए आंदोलन में संघ कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। भागवत ने यह भी कहा कि जब अन्ना हजारे को यह पता है कि आंदोलन के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं ने भी उनकी आवाज में आवाज मिलाई थी, तो उन्हें इस बात को सबके सामने कुबूल करने में क्या गुरेज है? भागवत ने जिस तरह दावा किया है कि अन्ना हजारे आरएसएस के कार्यकर्ताओं के आंदोलन में शामिल होने की बात को जानते हैं, इससे स्पष्ट हो गया है कि आरएसएस से इस तथाकथित गांधीवादी नेता अन्ना की साठगांठ है। अब वह यह दिखावा नहीं कर सकते हैं कि उनका या उनके आंदोलन का आरएसएस से कोई संबंध नहीं है।   
राष्ट्रीय बहन -मायावती राष्ट्रीय भाई .. दावूद इब्राहिम राष्ट्रीय रोबोट …मनमोहन सिंह राष्ट्रीय समस्या …मनीष तिवारी राष्ट्रीय चिंता …सलमान की शादी राष्ट्रीय बॉडी गार्ड – जितिन प्रसाद , प्रमोद तिवारी , आरपीएन सिंह राष्ट्रीय रहस्य …सोनिया गांधी राष्ट्रीय गिरगिट … अजित सिंह राष्ट्रीय रथ यात्री …लालकृष्ण आडवाणी राष्ट्रीय चुगलखोर …स्वामी अग्निवेश राष्ट्रीय असंतुष्ट ..मेधा पाटकर राष्ट्रीय स्ट्रगलर …अभिषेक बच्चन राष्ट्रीय भुलक्कड़ …एसएम कृष्णा राष्ट्रीय अतिथि(अस्थाई)..हिना रब्बानी राष्ट्रीय अतिथि (स्थाई)- अजमल कसाब राष्ट्रीय कोयल …मीरा कुमार राष्ट्रीय गहनों की दुकान …बप्पी लहरी राष्ट्रीय गर्लफ्रेंड …दीपिका पादुकोण राष्ट्रीय रईसज़ादा ..सिद्धार्थ माल्या राष्ट्रीय टेलीफोन ऑपरेटर …दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय गणितज्ञ …कपिल सिब्बल राष्ट्रीय किसान – अमिताभ बच्चन राष्ट्रीय मसखरा … लालू यादव राष्ट्रीय इंतज़ार …सचिन का सौंवा शतक राष्ट्रीय गाल …शरद पवार राष्ट्रीय थप्पड़ - हरविंदर सिंह राष्ट्रीय ढीला पेंच - अरुंधती राय राष्ट्रीय दहशत …रा वन का सीक्वल राष्ट्रीय गाली …आम आदमी राष्ट
काटजू जी बधाई के पात्र पत्रकारों और उनके हक के लिए प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्केंडय काटजू अपनी नई पहल के लिए बधाई के पात्र हैं। मैं उनको जहां इसके लिए बधाई देता हूं, वहीं उनसे यह भी उम्मीद करता हूं कि वह हमेशा पत्रकारों के हकों के लिए अपनी सजगता दिखाते रहेंगे। नई पहल में प्रेस की आजादी के अतिक्रमण की शिकायतों के मद्देनजर प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि वह जमीनी हालात का जायजा लेने और तथ्यों की जानकारी के लिए उन जगहों पर टीमें भेजेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में प्रेस की आजादी पर खतरा है, लिहाजा टीम उन जगहों पर भेजने का इरादा है, जहां से इस तरह की ज्यादा शिकायतें ज्यादा मिली हैं। प्रेस की आजादी का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। काटजू ने प्रेस परिषद के सदस्यों से भी विचार मांगे हैं। उन्होंने सरकारी एजेंसी और संगठनों द्वारा पत्रकारों या मीडिया प्रतिष्ठानों पर हमले, सरकार की आलोचना करने वाले अखबारों के विज्ञापन रोकने जैसे अन्य हथकंडे अपनाए जाने का भी जिक्र किया है। जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्रियों को इस संबंध