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दिल्ली : कांग्रेस नापसंदगी से भी नीचे जा पहुंची
लोकतंत्र में चुनाव के दौरान हार-जीत का सभी दल सामना करते हैं, लेकिन जिस तरह कांग्रेस दुर्दशा के दौर से गुजर रही है, ऐसा तो बहुत ही कम देखने को मिलता है। सीट मिल नहीं रही हैं, वोट फीसदी निरंतर शून्य की ओर बढ़ रहा है। कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस को समझना है कि मोदी और शाह को तो जनता उनके अहंकार के कारण सबक सिखाएगी, लेकिन विकल्प कौन होगा ? जनता अब बिखरे विपक्ष को सत्ता सौंपने वाली नहीं है और कांग्रेस की गिरती साख उसको मोदी का विकल्प बनने से रोक रही है। राहुल गांधी में उम्मीद की किरण दिखती है तो उन पर कांग्रेसी ही पूरी तरह विश्वास करते नहीं दिखते हैं। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में अभी तक कोई करिश्मा दिखा पा रही हैं, बस यह अच्छा है कि वह यूपी लक्ष्य बनाकर पूरी शिद्दत से रात दिन लगी हैं, जिससे कुछ सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल कांग्रेस के लिए समय काफी चिंताजनक है।
Bihar Motihari eastern Champarn News
राजसत्ता विद्या,विद्वान से बड़ी नहीं होती : संजीव शर्मा मोतिहारी, पू चम्पारण (बिहार): संस्कृत विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार और मानव संसाधन विकास केंद्र, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्यप्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में 'हिंदी एवं संस्कृत साहित्य-काव्यशास्त्र' विषयक द्विसाप्ताहिक राष्ट्रीय पुनश्चर्या कार्यशाला का उद्घाटन दिनांक 6/12/2021 को आभासीय मंच से किया गया है। कार्यशाला के नौवें दिन के द्वितीय सत्र के वक्ता के रूप में प्रो.संजीव कुमार शर्मा, माननीय कुलपति,महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार का सान्निध्य प्राप्त हुआ। स्वागत वक्तव्य देते हुए कार्यशाला समन्वयक प्रो.प्रसून दत्त सिंह(अध्यक्ष,संस्कृत विभाग,महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार) ने कहा कि इस कार्यशाला में माननीय कुलपति महोदय को सुनना साहित्य,भाषा को रक्त में महसूस करने जैसा है। यह एक शुभ अवसर है। वक्ता के रूप में माननीय कुलपति प्रो.संजीव कुमार शर्मा ने विस्तार से साहित्य,भाषा,कला की अनिवार्यता पर बात रखी। कालिदास का रचना वैशिष्ट्य वक्तव्य के केंद्र में रहा। प्रो.संजीव...

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