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Showing posts from July, 2021

Punjab : नवजोत उभरे, कैप्टन पस्त पड़े

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 प्रदेश अध्यक्ष बनते ही नवजोत सिद्धू की ताकत बढ़ी पं जाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक हाशिए पर दिख रहे नवजोत सिंह सिद्धू जैसे ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए तो उनकी ताकत उभरी है। उन्होंने अपनी इस ताकत को दिखाने के लिए अमृतसर में श्री दरबार साहिब में 62 विधायकों के साथ माथा टेका। जिससे साफ है की कैप्टन अमरेंद्र सिंह उनके सामने पस्त हो गए हैं। 83 विधायकों वाली कांग्रेस में 62 सिद्धू के साथ होने का मतलब साफ है कि कैप्टन अमरेंद्र निरंतर कमजोर हो रहे हैं  और सिद्धू  की ताकत निरंतर बढ़ रही है। सुनील जाखड़ भी दिखे साथ नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान बनाए जाने के बाद बुधवार को अमृतसर में शक्ति प्रदर्शन किया। कांग्रेस के 83 में से 62 विधायकों के साथ उन्होंने श्री दरबार साहिब में माथा टेका। उनके साथ पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ भी मौजूद रहे। श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने के बाद वह जलियांवाला बाग और श्री दुर्गियाणा मंदिर भी पहुंचे और माथा टेका। यह पूरी कसरत नए पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष सिद्धू का 'पावर शो'

Eid Ul Adha : ईद पर गमजदा रहे कई मुसलमान

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 ईद पर गमजदा रहे कई मुसलमान !! के. विक्रम राव           अ रब, पठान, मलमो तथा अन्य सुन्नी—बहुल फिरकों के मुल्कों में ईद—उल—अजाह मनाया तो गया, मगर इस त्याग, प्रेम और बलिदान के प्रतीक पावन पर्व पर आगजनी, खूरेंजी, बमधमाका और सहअकीदतमंदों पर हिंसा बेतहाशा हुयी। काबुल के राष्ट्रपति भवन पर नमाज अता करते हुए सदरे जम्हूरिया अशरफ घनी तथा पैगंबर के कई अनुयायियों पर तालिबानियों ने राकेट और गोले दागे। ईस्लामी स्टेट आफ ईराक एण्ड सीरिया के आतंकियों ने अपनी ''अमाक'' संवाद समिति द्वारा प्रसारित किया था कि इन गद्दारों पर हमला जायज है। अमाक एजेंसी का नामकरण किया पत्रकार बारा काडेक उर्फ रायन मशाल ने। वह अमेरिकी बमबारी में मारा जा चुका है। संवाद समिति का नाम भी महत्वपूर्ण है। दक्षिण तुर्की के अमूक घाटी के मजहबी स्थल से जुड़ा है। वहीं इन इस्लामी गणराज्यों से शिया, इबादी, अहमदिया, आगा खान के शिष्यों आदि के संहार का निर्देश जारी होता है। इसी के खलीफा अबु बकर अल बगदादी यदाकदा जलवा अफरोज हुआ करते थे। इन्हें बाद में अमेरिकी सैनिकों ने मार डाला।        ईद के पर्व पर बगदाद के समीप भीड़भाड़ वाले सद

News Peper : चांद सा हो मुख पृष्ठ भी !

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चांद सा हो मुख पृष्ठ भी ! के. विक्रम राव      मा नव के मुखड़े की भांति अखबार का प्रथम पृष्ठ उसका परिचायक होता है। अत: हम श्रमजीवी पत्रकारों की अनवरत कशमकश रहती है कि दिलचस्प रीति से आकर्षक समाचार द्वारा पाठक के चितवन को खींच लें और पढ़ने पर बाध्य कर दें। अर्थात ऐसा हो फ्रंटपेज। अब इसके लिए जरूरी है कि उस अवसर की खबर भी तो जोरदार हों !  इसी कारण से रिपोर्टर और सबएडिटर अमूमन नकारात्मकता वाली बात को खोजता है क्योंकि वही खबर बनती है। मगर ऐसा सदैव नहीं होता है।   मसलन आज ही का दिन (20 जुलाई 1969) था, जब भूमंडल डुलानेवाली इतनी बड़ी घटना हुई, जो न इसके पहले कभी हुई थी, न इसके बाद आज तक हुई है। स्थल था विश्व के बाहर, अंतरिक्ष में। दूर शशिलोक पर अमेरिकी पायलेट नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पैर रखा था।      दुनिया से वह जीते जी परलोक में चला गया था। भले ही उसकी इस हरकत के परिणाम से शायर और कवियों में, प्रेमी युगलों में ​काफी नीरसता व्यापी थी। नैराश्य भी। अप्राप्य अब हासिल हो रहा था।  वह रविवार बड़ा यादगार रहा। सर्वोत्तम खबरिया रात थी। वह रिकॉर्ड गत शती में नहीं, अभी तक भी टूटा नहीं। चांद

AFGANISTAN : अफगानिस्तान में क्या फिर लौटेगा तालिबानी आतंक ?

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अफगानिस्तान :  क्या फिर लौटेगा तालिबानी आतंक ? के. विक्रम राव प श्चिमी हिमालय में हिन्दकुश पर्वत  शृंखला पर बसा अफगानिस्तान आज भारत के लिए दहशत फैला रहा है। लुटेरे अहमदशाह दुर्रानी ने 1757 के दौर में हिन्दुस्तान के लिए आतंक पैदा किया था। आज तालिबानी अफगानिस्तान से फिर पश्चिमी सीमावर्ती भारत के सामने खतरा नजर आ रह है। आखिर ऐसा क्यों हुआ और अब क्या मुमकिन है? ये प्रश्न आज भारत को परेशान कर रहे हैं। अगर अफगानिस्तान पर फिर से तालिबान का नियंत्रण हो जाता है, जिसकी आशंका अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद व्यक्त की जा रही है तो भारत के लिए यह स्थिति कितनी विषम होगी, इसकी फिलहाल कल्पना भी नहीं की जा सकती। किसके लिए क्या खतरा ? 1. भारत के लिए...      भारत ने इस इस्लामी क्षेत्र में ग्यारह हजार करोड़ डालर का निवेश कर रखा है। उसे अब ये तालिबानी हथिया लेंगे। इनमें हजार करोड़ डालर की लागत से निर्मित भव्य संसद भवन भी है। इसका लोकार्पण नरेन्द्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर 2015 को किया था। इसके अध्यक्ष जनाब मीर रहमान रहमानी का निर्वाचन क्षेत्र बाग्रामी अभी मुक्त

MODI GOVT'S MINISTER L. MURUGAN: केंद्रीय मंत्री के मां बाप की मजदूरी सादगी या मजबूरी ?

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 केंद्रीय मंत्री के मां बाप खेतों में करते हैं मजदूरी मुबाहिसा : आर.के. मौर्य     तमिलनाडु के एल मुरुगन मोदी सरकार में बने हैं राज्यमंत्री मुरुगन के मां बाप आज भी गांव में रहकर खेतों में करते हैं मजदूरी  मां बाप के पास नहीं है खुद की कोई जमीन बेटे की उपलब्धियों पर गर्व, लेकिन खुद्दारी से कोई समझौता नहीं  भा रत सरकार में राज्‍यमंत्री बनाए गए एल मुरुगन के मां बाप की इसे मजबूरी कहेंगे या उनका बेहद खुद्दारी वाला सादगी भरा जीवन जीने का अंदाज। भाजपा के इस नवोदित दलित नेता के मां-बाप को देखकर मन में यह पीड़ा और सवाल तो जरूर उठता है कि क्या यह वाकई सादगी भरा जीवन है कि सेवा से मुक्त होने की उम्र में ये बुजुर्ग दंपति दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए दूसरों के खेतों और अन्य कार्यों में मजदूरी के वक्त  बेहद कष्ट सहते है, पसीना और कई बार खून बहाते देखे जाते हैं ?,  रोटी की कमी को पूरा करने के ल‌िए राशन की दुकान पर सरकार द्वारा प्रदान करने वाले सस्ते राशन को लेने के ल‌िए घंटों लाइन में लगे रहने को  क्या उनका सादगी भरा जीवन कहा जाएगा या मीडिया में कथित वाहवाही लूटने वाले इस दलित केंद्रीय मंत्री का उनके

DANISH SIDDHIQi : तस्वीरों में सच का जादूगर दानिश हमेशा आएगा याद

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 तस्वीरों में सच का जादूगर दानिश हमेशा आएगा याद भा रतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अपने जीवन की अंतिम सांस तक तस्वीरों के जरिए दुनिया को अफगानिस्तान के हालातों से रूबरू कराते रहा। अब दानिश जब हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके काम हमारे बीच हमेशा जिंदा रहेंगे। सच बोलतीं खींची गई उनकी तस्वीरें हमेशा उनको फोटोग्राफी के जादूगर के रूप में याद रखेंगी। शायद उनकी फोटोग्राफी के जादू का ही कमाल रहा कि  दानिश सिद्दीकी को उनके बेहतरीन काम के लिए पत्रकारिता का प्रतिष्ठित पुलित्जर अवॉर्ड भी मिला।  दानिश सिद्दीकी ने रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को अपनी तस्वीरों से दिखाया था और ये तस्वीर उन तस्वीरों में शामिल है, जिसकी वजह से उन्हें 2018 में पुलित्जर अवॉर्ड मिला था। आम जनमानस की भावना को तस्वीरों से दिखाते थे फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अपनी तस्वीरों के जरिए आम आदमी की भावनाओं को सामने लाते थे। दिल्ली दंगा हो या कोरोना से हाहाकार, रोहिंग्या शरणार्थियों की बात हो या फिर अफगानिस्तान में जंग के हालात, हर जगह के हालात तो दानिश ने अपनी तस्वीरों के सामने देश और दुनिया को दिखाया। यह तस्वीर

China & AMERICA : चीन-अमेरिका शीत युद्ध व उसके वैश्विक सरोकार

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  चीन-अमेरिका शीत युद्ध व उसके वैश्विक सरोकार ची न एवं अमेरिका के बीच शीतयुद्ध तथा उनके  संबंधों  का तीसरी दुनिया पर असर, विषय पर नित्यनूतन वार्ता के 362वें सत्र में चर्चा में मुख्यवक्ता प्रसिद्ध कवि एवं नवभारत टाइम्स के संपादक चंद्र भूषण रहे। श्रोताओं में वार्ता की दिलचस्पी व सक्रिय भागीदारी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि समय सीमा डेढ़ घंटे निश्चित होने के बावजूद यह सवा दो घंटे तक चली और इसमें प्रश्नों की झड़ी लगी रही।  चंद्र भूषण जी, विषय के न केवल मर्मज्ञ विद्वान हैं, वहीं उन्होंने हर दृष्टि से उसका समग्र मूल्यांकन भी किया। मुख्य वक्ता बेशक किसी खास राजनीतिक विचारधारा के पक्षधर हों, परंतु अपने व्याख्यान में अपने विषय का हर पक्ष रखा, जो हर प्रकार के पूर्वाग्रहों से मुक्त था। चीन की राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक स्थिति को उन्होंने विकासशील बताया परंतु उनकी यह बात भी प्रासंगिक रही कि अमेरिका आज अनेक जातीय नस्लों, रंग व क्षेत्रों का एक सामूहिक समूह है और यह ही उसे संयुक्त राष्ट्र बनाता है जबकि अन्य देश अपने राष्ट्रवादी पहचान से मुक्त नहीं हो पाए। चंद्र भूषण का मानना र

Dosti Yatra : दोस्ती यात्रा 13 से 15 अगस्त तक

द क्षिण एशिया की जनता के बीच मैत्री संबंधों को सौहार्दपूर्ण एवं निरंतरता प्रदान करने के लिए वर्ष 1980 के आसपास स्व. श्री कुलदीप नैय्यर, स्व. दीदी निर्मला देशपांडे, स्व. श्री  मुबशिर हसन एवं वर्तमान मार्गदर्शक सर्वश्रीमती मोहिनी गिरि एवं सईदा हमीद ने दोस्ती यात्रा का आरंभ किया था। हमें गर्व है कि आज उस मिशन को युवा साथियों ने संभाल लिया है । कोरोना काल  के इस समय में अनेक विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न हुई है। उसके बावजूद भी यात्रा समयानुसार चलती रही है।      दोस्ती यात्रा के संयोजक दीपक कथुरिया ने बताया इस वर्ष 2021 में यह यात्रा दिनांक 13 से 15 अगस्त तक  पुनः प्रस्तावित है। इस बार का प्रस्ताव है कि यह यात्रा दिल्ली बॉर्डर से प्रारंभ होकर फिरोजपुर बॉर्डर तक जाएगी तथा रास्ते में स्थान- स्थान पर अमन दोस्ती सभाओं का आयोजन होगा।      

NEPAL : नेपाल के नटवरलाल ओली का पतन

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 नेपाल के नटवरलाल ओली का पतन ! के. विक्रम राव        राजनीति कभी भी रिक्तता गवारा नहीं करती। प्रकृति हमेशा समरसत्ता ही सर्जाती है। अत: नेपाल के इतिहास की उग्रतम वैधानिक विपदा कल (13 जुलाई 2021) तिरोहित हो गयी। संदेहास्पद राष्ट्रपति तथा दृढ़ प्रधानमंत्री की तकरार में उच्चतम न्यायालय ने सही समय पर हस्तक्षेप किया। इस हिमालयी गणराज्य में जनतंत्र कायम रहा।         यदि पश्चिमी हिमालय (हिन्दकुश) के उस पार काबुल में भारतमित्र, अमेरिका—शिक्षित अर्थशास्त्री प्रोफेसर अशरफ गनी अहमदजायी को तालिबान के जाहिल और कुंदजेहन सरगना लोग सशस्त्र बर्खास्त कर रहे है। तो उधर उत्तरी हिमालयी गणराज्य, हिन्दू—बहुल नेपाल में भारतमित्र पुराने समाजवादी, नेपाली कांग्रेस के पुरोधा शेर बहादुर देउवा पांचवीं बार प्रधानमंत्री बन गये। अर्थात हिमालय पर भारत बराबर ही रहा। नेपाल और अफगानिस्तान दोनों पड़ोसी राष्ट्रों पर हावी होकर कम्युनिस्ट चीन भारत पर आपदा लादने में प्रयत्नशील है।        नेपाल में भारत के पक्षधरों की सफलता से बड़ी राहत और सकून हुआ। चीन की समर्थक तीनों नेपाली कम्युनिस्ट पार्टियां अबतक अवसरवादी गठबंधन कर सत्ता पर

Corona: आंख बंद करने से बिल्ली रास्ता बदलने वाली नहीं

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 आंख बंद करने से बिल्ली रास्ता बदलने वाली नहीं          हम ईश्वर से प्रार्थना करते है कि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आये और यह सिर्फ एक अफवाह बन कर सामने आए। पहली-दूसरी लहर में भारत समेत दुनियाभर में लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई है । ऐसे अनेक लोग है जो ठीक होने के बाद भी इसके आफ्टर एफ्फेक्ट्स के कारण अभी तक जीवन- मृत्यु की शैय्या पर पड़े है । हजारों बच्चे है जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को ही खोया है और अनेक परिवार ऐसे है जिनके कमाऊ सदस्य खत्म हो गए है । अरबों रुपये का व्यापार खत्म हुआ है । लाखो लोग बेरोजगार हुए है ।यह ऐसी स्थिति है जो अत्यंत भयावह है जिसकी कल्पना से भी डर लगता है । यदि हम, हमारे परिवार के सभी सदस्य, रिश्तेदार,मित्र व शुभचिंतक इस दौर में सुरक्षित बचे है तो यह उस परमात्मा की ही अत्यंत कृपा है ।       आपने सभी सुरक्षा प्रदान करने वाले नियमों का पालन किया होगा तभी यह सम्भव हो सका वरना हालात हमारे सामने है ।     क्या अच्छे अस्पताल, शानदार चिकित्सा व्यवस्था, ऑक्सीजन व बेड्स की उपलब्धता सभी को बचाने के लिए काफी है । मेरे संज्ञान में अनेक ऐसे निकटष्ठ परिचित परिवार है जो विदेशों

Bheem Song : भीम नमन गीत

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Assam: PPFA advocates for total implementation of UCC

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 PPFA advocates for total implementation of UCC Guwahati: Expressing gratifications over a recent observation of Delhi High Court in favour of  a Uniform Civil Code (UCC), a northeast India based nationalist citizen’s forum  urged the Centre to implement the UCC across the country in total. Patriotic People’s Front Assam (PPFA) specially requested the newly appointed Union law minister Kiren Rijju to toil over the matter. Mentionable is that the high court favouring a UCC in the country asked the Union  government in New Delhi to take necessary steps for its total implementation. It observed that in the modern society of India, which is gradually becoming homogenous, the traditional barriers of religion, community and caste are slowly dissipating. The court also viewed that the Indian youth belonging to various communities, tribes, castes or religions, who solemnise their marriages, ought not to be forced to struggle with issues arising due to conflicts in various personal laws, espec

Chirag's Ashirwad Yatra : बड़ी मम्मी ने चिराग को खिलाई खीर, भावुक हो शहरबान्नी रोया

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 रामविलास पासवान की पहली पत्नी ने चिराग को खिलाई खीर, पहनाई आशीर्वाद की पगड़ी  बिहार में आशीर्वाद यात्रा के तहत चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान के पैतृक गांव शहरबन्नी पहुंचे। पासवान की पहली पत्नी  राजकुमारी देवी ने पासवान की दूसरी पत्नी रीना के बेटे चिराग का स्वागत किया। राजकुमारी देवी ने चिराग पासवान को खीर खिलाई और पगड़ी पहनाते हुए आशीर्वाद दिया। बिहार के खगड़िया जिले में रामविलास पासवान के पैतृक गांव शहरबन्नी पहुंचे चिराग पासवान का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। अपने पैतृक घर को देखकर चिराग भावुक हो गए।  जैसे ही बड़ी मम्मी राजकुमारी देवी उनके सामने आईं, वो अपने आंसू रोक नहीं सके। इसके बाद बड़ी मम्मी ने चिराग को खीर खिलाई और सिर पर पगड़ी पहनाकर आशीर्वाद दिया।  ये सब देखकर वहां खड़े कार्यकर्ता भी भावुक हो उठे। मां के हाथों से खीर खाते हुए चिराग भावुक थे। उन्होंने अपने हाथ से भी बड़ी मम्मी को खीर खिलाई और उनसे आशीर्वाद लिया।  चाचा ने किया है गलत: चिराग  भावुक चिराग ने अपनी बड़ी मम्मी से कहा, 'पिताजी की मौत के बाद चाचा (पशुपति कुमार पारस) ने मेरे साथ नाइंसाफी की है। इसके बा

Sri Lanka : जहां सारा काबिना ही कुटुंब हो !

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 जहां सारा काबीना ही कुटुंब हो ! के. विक्रम राव          सब खानदानी जन है। अत: इनके सारे गुनाह क्षम्य हैं। पड़ोसी कोलम्बो में गत सप्ताह हुयी सत्तासीन राजपक्षे परिवार की घटनाओं की चर्चा है। नेहरु—इंदिरा परिवार के निन्दकजन इस पर नजर डालें, तो वे भी शायद काफी नरम पड़ जायेंगे। उनकी तिरस्कार की प्रवृत्ति मंद पड़ जाये! श्रीलंका में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और दो काबीना मंत्री एक ही माता—पिता की संतानें हैं। साथ में दो सगे भतीजे भी अब इस सरकारी जमात में अमात्य बन बैठे हैं। यह सब कोलम्बो में कल (8 जुलाई) घटी वारदातें हैं। जी हां, यदि इस उपहासजनक दृश्य का सांगेपांग बयान नैतिकता के पैमाने पर हो तो मंजर ज्यादा साफ होगा।         भारत की बात पहले। गत सदी के सात दशकों से मौजूदा शताब्दी के बीस बरस की कालावधि पर गौर करें। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के छह अध्यक्षों में रक्त संबंध रहा। मोतीलाल नेहरु, जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी। पीढ़ी दर पीढ़ी में यही सब कुछ रहे। प्रधानमंत्री भी तीन हुये। सभी एक ही रक्त समूह वाले। मानों सवा अरब के भारत में कोई अन्य

Chirag Paswan : हाईकोर्ट से चिराग को झटका

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 चिराग पासवान को हाईकोर्ट से जोर का झटका,  चाचा पशुपति पारस के खिलाफ अर्जी खारिज दिल्ली हाईकोर्ट से चिराग पासवान को तगड़ा झटका लगा है। चाचा पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का नेता बनाने के लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका को होईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। लोजपा पर दावेदारी जताते हुए चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के फैसले को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। जस्टिस रेखा पल्ली ने सुनवाई के दौरान याचिका को आधारहीन बताते हुए कहा कि इसमें कोई दम नजर नहीं आ रहा है। न्यायालय इस मामले में याचिकाकर्ता सांसद चिराग पासवान पर जुर्माना लगाना चाहती थी लेकिन बाद में उनके वकील के आग्रह पर ऐसा नहीं किया। चिराग पासवान ने उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी। इस परिपत्र में चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था।  चिराग पासवान की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि पार्टी विरोधी गतिविधि और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी ने

Dilip Kumar: दिलीप कुमार की यादें

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Bihar : पासवान की पहली पत्नी बोलीं, पारस ने चिराग को दिया धोखा

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पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी बोलीं,  पारस ने चिराग को धोखा दिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में चिराग पासवान को जगह नहीं मिलने पर दिवंगत रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी ने कहा कि देवर पशुपति कुमार पारस ने गलत किया है। बिहार में खगड़िया जिले के शहर बन्नी गांव में दिवंगत रामविलास पासवान के पैतृक आवास पर उनकी पहली पत्नी राजकुमारी ने मीडिया से कहा कि रामविलास पासवान का असली वारिस चिराग पासवान है उसी को मोदी द्वारा अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया जाना चाहिए था। पारस ने सांसदों के साथ मिलकर चिराग को धोखा दिया है,  पार्टी को तोड़ने का गलत काम किया है। चिराग को आगे बढ़ाया जाना चाहिए, वह प्रदेश के युवाओं की पहली पसंद है। चिराग युवा है और प्रदेश के लिए बहुत कुछ करना चाहता है। दिवंगत  रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने आज चिराग पासवान को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर पहली प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को चिराग पासवान को मंत्रिमंडल में जगह देनी चाहिए। प्रधाानमंत्री पर उन्‍होंने काफी भरोसा है। चिराग ने हमेशा पीएम मोदी के कार्यों की प्रशंसा की ह

Dalai Lama : दलाई लामा पूज्य हैं, माना मोदी ने

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दलाई लामा पूज्य हैं, माना मोदी ने के. विक्रम राव  मोदी सरकार अब कुछ बदली है। बल्कि तीन वर्षों बाद सुधरी है। हालांकि हर परिवर्तन को प्रगति नहीं कहते। भले ही प्रत्येक प्रगति परिवर्तन कहलाती हो। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट किया। विश्ववंद्य, भगवान अवलोकितश्वर के अवतार, परम पावन दलाई लामा को उनके 86वीं वर्षगांठ (सात जुलाई) पर शतायु होने की कामना भेजी। निर्वासित तिब्बत सरकार के सिक्योंग (अध्यक्ष) लोबांग संगये ने बताया कि यह पहला अवसर है जब मोदीजी ने स्वयं दलाई लामा को ऐसा संदेशा प्रेषित किया।         अत: कूटनीति तथा मानवता के दरम्यान सुघड़ तालमेल समायोजित हुआ है। साथ ही विस्तारवादी लाल चीन को संदेशा भी मिल गया। सप्ताह भर की घटनाओं के परिवेश में यह गमनीय है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सदी पर मोदीजी ने एक शब्द भी न कहा, न लिखा। एकदम नजरंदाज कर दिया। कैसे लालसेना की लद्दाख में की गयी हिंसा बिसरायी जा सकती थी ? प्रधानमंत्री की ऐसी युक्ति बड़ी सूचक है। बोधक भी। इस बुद्धावतार लामा का मैं उपासक हूं। मेरे प्रेरक राममनोहर लोहिया उनके अथक समर्थक रहे। मेरे साथी जार्ज फर्नांडिस परम पावन