SANJAY GANDHI : संजय गांधी, जिसकी छवि विलेन की बनाई गई
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संजय गांधी की सोच अच्छी, छवि विलेन की मुबाहिसाः आर.के. मौर्य मैं उस समय मात्र नौ वर्ष का था, लेकिन घर का राजनीतिक परिवेश होने के कारण पिता के साथ जागरूक रहता था और हर छोटी-बड़ी गतिविधि के साथ ही पिता के साथ नेताओं की परिचर्चा सुनता था। उन दिनों आपातकाल था, मेरे नगर में भी हर रोज जुलूस के रूप में नसबंदी कराने के लिए लोगों को जाते देखता था। साथ ही अतिक्रमण पर हथोड़े चलते देखता था। जगह-जगह युवाओं की टोलियों को पौधारोपण करते देखते थे। दुकानों पर हर वस्तु के रेट लिखे होते थे। साप्ताहिक बंदी के दिन बाजारों में कर्फ्यू जैसा माहौल होता था। गैर कांग्रेसी दलों के नेता गिरफ्तार किए जा चुके थे। हर ओर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके सुपुत्र संजय गांधी को लेकर चर्चा और खौफ का माहौल था। इसी दौरान चुनाव की घोषणा हुई। देखते ही देखते चुनाव में इंदिरा गांधी को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और जनता पार्टी की सरकार बनी, प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बन गए। देश के सभी नामचीन गैर कांग्रेस दलों के नेता मंत्री बन चुके थे। इंदिरा गांधी और उनके प