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बड़े खतरे की चेतावनी: डीएलए का प्रकाशन बंद

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    बड़े खतरे की चेतावनी: डीएलए का प्रकाशन बंद मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य तमाम प्रयासों के बावजूद नहीं चल पाने की स्थिति में डीएलए का प्रकाशन आज से पूरी तरह बंद हो गया है। यह भविष्य में बंद होने की कतार में लगे कई और अखबारों का प्रारंभ  भी हो सकता है, जो प्रिंट मीडिया में काम कर रहे कर्मचारियों विशेष रूप से अखबारों के भरोसे पत्रकारों के लिए बड़े खतरे की चेतावनी भी मानी जा सकती है। कुछ-कुछ इसी तरह विकसित देशों में भी अखबारों के प्रकाशन बंद होने की शुरुआत भी डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के नाम पर पहले ही हो चुकी है। भारत में आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका  निभाने वाले एक नगर, वर्ग या एक जनपद तक प्रसार और डाक के जरिए सुदूर क्षेत्रों तक पहुंच रखने वाले समाचार पत्रों के साथ ही सांध्य दैनिक अखबारों को नब्बे के दशक में एक साथ तमाम स्थानों पर प्रिंटिंग युनिट लगाकर छापे गए क्षेत्रीय अखबारों ने बंदी के कगार पर पहुंचा दिया था।  एेसे में 2007 में अमर उजाला ग्रुप से अलग हुए इस ग्रुप के सह संस्थापक और  हिंदी के नामचीन बड़े  पत्रकारों में एक स...

इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल मीडिया कर्मी भी शामिल होंगे वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट में होंगे शामिल : गंगवार

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केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इंडियन फेडरेशन अॉफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के एक प्रतिनिधि मंडल को बताया  कि इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकार भी अब वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में शामिल कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए प्रावधान के तहत सारी विसंगतियां दूर कर ली जाएंगी। आईएफडब्लूजे ने श्रम मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गयी है कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के विशिष्ट स्वरुप को बचाए रखने का आवश्यकता है जिससे उन्हें अन्य लाभकारी कानूनों का लाभ पूर्व की तरह मिलता रहे। आईएफ़ब्लूजे की यह भी मांग है कि पत्रकारों की ठेके पर नियुक्ति पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए और हर आठ साल के अंतराल में उनके वेतन एवं भत्तों को बढ़ाने के लिए वेज बोर्ड का गठन किया जाए। अपनी मांगों को लेकर आईएफडब्लूजे समेत अखबारों के सभी शीर्ष श्रमिक संघों ने 10 अक्टूबर को दिल्ली में विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। आईएफडब्लूजे प्रतिनिधि में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी, प्रधान महासचिव परमांनद पांडे, राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस, कोषाध्यक्ष रिंकू यादव और विशेष आमंत्रित सदस्य रवींद्...

सरदार भगत सिंह और महात्मा गांधी

शहीद ए आज़म स. भगत सिंह के 112वें जन्म दिवस पर महात्मा गांधी का स्मरण बेशक कुछ लोग अप्रासंगिक माने पर मेरी दृष्टि से यह सर्वथा उचित है । बापू का 150वीं जयंती वर्ष आगामी दो अक्तूबर को प्रारम्भ होने जा रहा है।  इस पूरे वर्ष में महात्मा गांधी व उनकी स्वनाम धन्या पत्नी कस्तूरबा की याद में अनेक कार्यक्रम, आयोजन व प्रवित्तियों को सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर किया जाएगा। यह भी एक अजब संयोग ही है कि गांधी जयंती से ठीक चार दिन पहले,28 सितम्बर को सरदार भगत सिंह की जयंती पड़ रही है। सर्व विदित है कि सरदार भगत सिंह एक क्रांतिकारी थे तथा वे रूस में हुई समाजवादी क्रांति व मार्क्सवाद से प्रभावित थे, जबकि गांधी जी एक कठोर अहिंसावादी तथा आस्तिक। 'अभूतपूर्व अहिंसक महात्मा गांधी और क्रांतिकारी शहीद ए आज़म' भगत सिंह के सिद्धांतों में मतभेद होना स्वाभाविक है । वे दो समानांतर रेखाओं की तरह थे, जो आपस में नहीं मिल सकते थे पर वे एक दूसरे से दूर भी नहीं रह सकते थे और न थे।' गांधी की अहिंसा-सत्य, प्रेम और करुणा पर आधारित थी जबकि भगत सिंह भी हर मामले में हिंसा के पक्षधर न थे। वे नास्तिक थे और गांधी को...

ट्रंप की अदा ने किया ह्यूस्टन की नौटंकी में पंचर

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जो लोग ह्यूस्टन की नौटंकी देख फूले न समा रहे थे, वे ट्रंप की इस अदा से पंचर हो गए क्या-क्या अदाएं हैं हमारे ट्रंपजी की… ह्यूस्टन में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की संयुक्त सभा ने जो जलवा पैदा किया है, उससे इन दोनों नेताओं के अंदरुनी और बाहरी विरोधी-सभी हतप्रभ हैं। दोनों नेता प्रचार-कला के महापंडित हैं। दोनों एक-दूसरे के गुरु-शिष्य और शिष्य-गुरु हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति का विद्यार्थी होने के नाते मैं कल जिस अदृश्य तथ्य को समझ रहा था और जिसके बारे में पहले भी लिख चुका हूं, अब वही होने जा रहा है। दो देशों के नेता परस्पर कैसा भी व्यवहार करें लेकिन उन दोनों देशों के संबंधों का निर्धारण उनके राष्ट्रहित ही करते हैं। ट्रंप ने ह्यूस्टन में मोदी और भारत के लिए तारीफों के पुल बांध दिए लेकिन क्या यही उन्होंने इमरान खान के साथ नहीं किया? कल जब इमरान उनसे न्यूयार्क में मिले तो उनकी हर अदा ऐसी थी, जैसे कि वे भारत और पाकिस्तान में कोई फर्क ही नहीं करते। जो लोग ह्यूस्टन की नौटंकी देखकर फूले नहीं समा रहे थे, वे ट्रंप की इस अदा से पंचर हो गए। ट्रंप ने मोदी और इमरान दोनों को महान बताकर भार...

मनमोहन सिंह का जन्मदिन

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्मदिन मनाया गया।तमाम नेताओं ने उनको शुभकामनाएं दीं। कई नेताओं ने उनकी योग्यता का बखान करके मोदी सरकार के जनविरोधी और आर्थिक रूप से नुकसानदायक निर्णयों की कड़ी निंदा की।

हप्पू के पिता का निधन

-टीवी सीरियलों में हप्पू सिंह का किरदार निभाकर फेमस हुए अभिनेता योगेश त्रिपाठी के पिता हरिशरण त्रिपाठी का बुंदेलखंड के कस्बा राठ में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार थे। हरिशरण त्रिपाठी एक इंटर कालेज में प्रवक्ता रह चुके हैं। उनके निधन पर कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है।

हरिजन सेवक संघ परिसर में मोरारी बापू की कथा

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हरि अनंत हरि कथा अनन्ता महात्मा गांधी तथा कस्तूरबा के 150वें जन्म जयंती वर्ष में बापू द्वारा स्थापित हरिजन सेवक संघ के दिल्ली परिसर में विश्वविख्यात राम चरित मानस कथावाचक मोरारी बापू द्वारा रामकथा के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति डॉ राम नाथ कोविंद का आगमन बहुत ही सुखद रहा। इस अवसर ने संघ परिसर को जहां बननेे संवरने का अवसर दिया। राज्यमंत्री डॉ. प्रहलाद सिंह पटेल ने आश्वस्त किया कि परिसर को उसके नाम के अनुरूप बनाने के लिए हर संभव सहायता की जाएगी। राष्ट्रपति जी ने बा बापू के जीवन के अनेक पहलुओं को रखा। उनका कहना कि राम नाम मात्र जपना ही नहीं अपितु उनके जीवन का आचरण करना राम की उपासना है। उनका यह वाक्य अत्यंत प्रिय रहा कि आने वाले समय में राम कथा की तरह गांधी कथा का भी पारायण पाठ होगा।  इनमें शब्दार्थ निहित है कि बापू की सत्य, अहिंसा व प्रेम का अनुसरण ।     हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष शंकर कुमार सान्याल के स्वागत उद्बोधन ने स्व0 निर्मला दीदी की बरबस याद करवा दी।  उन्होंने अपनी सम्पूर्ण निडरता से कहा कि शांति का संदेश ही भारत का वाक्य है, जिसे महात्मा गांधी  सहित अनन...

राष्ट्रपति कोविंद पहुंचे मुरारी बापू की राम कथा सुनने

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भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद पहुंचे मुरारी बापू की राम कथा सुनने।

Modi met Jackson Lee

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India's Prime Minister Narendra Modi met to Representative JacksonLee. A veteran member of the US Congress, she has always been passionate about homeland security, constitutional rights and women empowerment.

Nehru and indira Gandhi's US visit in 1954

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Shashi Throor Tweeted Pt. Jawaharlal Nehru & Indira Gandhi in the US in 1954. Look at the hugely enthusiastic spontaneous turnout of the American public, without any special PR campaign, NRI crowd management or hyped-up media publicity.

Piyus Goyal meet to Swami BrahmaViharidas

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Indian Railway Minister Piyush Goyal  meet to Swami Brahmaviharidas ji from BAPS Hindu Mandir in UAE.

मोदी मिले कतर के अमीर हमाद से

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न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर तमीम बिन हमाद  से मुलाकात की।

जिंदगी का कड़वा सच

MODI IN AMERICA

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मोदी अमेरिका पहुंचे

पासवान बने नजमा हेपतुल्ला के मेहमान

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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की इंफाल यात्रा के दौरान मणिपुर की राज्यपाल महामहिम श्रीमती नजमा हेपतुल्ला जी जोरदार मेहमाननवाजी की।

स्वामी अग्निवेश का 80वां जन्मदिन

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 निर्भीक सन्यासी स्वामी अग्निवेश के 80वें जन्म दिवस पर दिल्ली के प्यारे लाल भवन के ठसा ठस भरे हॉल में  साधु-संत, आमजन, मजदूर-किसान, आदिवासी, महिलाएं व युवा सभी थे। ये वे लोग थे, जिनका उनके साथ उनके द्वारा आंदोलन व जनसंघर्षों का साथ था। अनेक लोग ऐसे भी थे जो उन्हें जब से जानते थे जब वे प्रो0 श्यामा राव के रूप में कोलकोता यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियो को कानून पढ़ाते थे। अनेक लोग उस मंजर के गवाह थे जब उन्होंने सन् 1970 में साधु वेदमुनि से अपने एक मित्र स्वामी इंद्रवेश के साथ सन्यास की दीक्षा ली तथा वे स्वामी अग्निवेश कहलाए। बहुत लोग ऐसे थे, जो उनके सहयोगी व समर्थक रहे, जब वे एक राजनीतिक दल आर्य सभा बनाकर हरियाणा में राजनीति में उतरे व सन् 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने पर शिक्षामंत्री बने। अनेक लोग वे भी थे, जिन्होंने उन्हीं के शासनकाल में फरीदाबाद में भट्ठा मजदूरों की लड़ाई लड़ी तब अग्निवेश सरकार छोड़कर इन मजदूरों के साथ खड़े थे। उनके वे साथी भी थे जो सन् 1980 में राजस्थान के देवराला में एक युवती रूपकंवर को आग को सुपुर्द कर महिमा मंडन के खिलाफ दिल्ली से देवराला की यात्रा म...

के सिवनः मुफलिसी से चांद तक का सफर

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चंद्रयान  के इसरो वैज्ञानिक श्री के सिवन का पूरा नाम है कैलाशावादिवो सिवन। कन्याकुमारी में पैदा हुए सिवन के  गांव का नाम सरक्कालविलाई है। परिवार बेहद गरीब था। इतना कि के सिवन की पढ़ाई के लिए भी पैसे नहीं थे। गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ते थे।  8वीं तक वहीं पढ़े। आगे की पढ़ाई के लिए गांव से बाहर निकलना था।  लेकिन घर में पैसे नहीं थे। के सिवन को पढ़ने के लिए फीस जुटानी थी। इसके लिए उन्होंने पास के बाजार में आम बेचना शुरू किया। जो पैसे मिलते, उससे अपनी फीस चुकाते। इसरो चेयरमैन के मुताबिक ‘मैं एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था। मेरे बड़े भाई ने पैसे न होने की वजह से मेरी पढ़ाई रुकवा दी थी। मेरे पिता कैलाशा वादिवू एक किसान थे, जो पास के बाजार में आम बेचते थे। मैं साइकिल पर आम लेकर जाता था और उसे बाजार में बेचकर अपनी पढ़ाई की फीस चुकाता था।' इसरो वैज्ञानिक के सिवन ने एक इंटरव्यू के दौरान मुश्किल में बीते अपने बचपन के बारे में बताया था कि आम बेचकर पढ़ाई करते-करते इंटरमीडिएट तो कर लिया, लेकिन ग्रेजुएशन के लिए और पैसे चाहिए थे। उनके पिता ने कन्याकुमारी के ...

सुस्वागतम भाई जी सुब्बाराव

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लगभग दो माह अमेरिका में अपनी शांति-सद्भावना यात्रा पूरी कर भाई जी सुब्बाराव कल दिल्ली (भारत) वापिस पधारे। मैं कल उनसे फोन पर वार्ता कर उनकी कुशलक्षेम पूछताछ  व स्वागत करने से इसलिए वंचित रह गया कि मैंने सोचा कि अमेरिका से लौटने पर वे थकावट से भरे व जेट लेग से पीड़ित होंगे जैसा कि मैं खुद अमेरिका से लौटकर अब चार दिन तक इन सभी बीमारियों से पीड़ित हूँ, पर आज सुबह उनके सहयोगी व परम् प्रिय साथी संजय राय से बात से पता चला कि यह 91 वर्षीय युवा आज कोटा के लिए रवाना होंगे जहां उनके दो कार्यक्रम हैं फिर भोपाल, औरंगाबाद, जौरा होते हुए 11 सितंबर को दिल्ली लौटेंगे जहाँ एक 8 दिवसीय शिविर का मार्गदर्शन करेंगे। मैं तो पूरी तरह से असमंजस में हूं कि कैसे वे ये सब कुछ करेंगे ?  पर ऐसा तो हो रहा है। शायद यह ही योगियों का कर्म योग और भगवान कृष्ण का स्थितप्रज्ञ लक्षण, जिसमें व्यक्ति के अनुसार शरीर चलता है न कि शरीर के अनुसार वे। ऐसे दिव्य शांति यात्री का अभिनंदन । भारत लौट आए राम मोहन राय की कलम से साभार।  

Modi met Delegation of Vivekanand Kendra

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Prime Minister Narendra Modi had meeting with a delegation from the Vivekanand kendra. In addition to talking about the exemplary work they do, they spoke to modi about a unique mass contact programme they have started, ‘Ek Bharat Vijayi Bharat.’ 

Indian Air Force inducting 8 Apache.

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Congratulations to Indian Air Force for inducting 8 Apache AH-64E, one of the world's most advanced multi-role combat helicopters, into their fleet at Pathankot today. This will be a major boost to the Indian Air Force's combat capabilities.