लोजपा सुप्रीमो एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से शाम 6.30 बजे मिलने का समय निर्धारित था। मैं समय से पहुंचा, लेकिन उनके सरकारी आवास 12 जनपथ नई दिल्ली पर बिजली आपूर्ति ठप थी, जिसके कारण उन्होंने आवास से बाहर आकर खुले में बैठकर ही लोगों से मुलाकात की। मेरी मुलाकात के दौरान राजनीतिक चर्चा हुई।
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पाकिस्तान बॉर्डर पर हो रही फायरिंग को मोदी सरकार गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है? पाक ने 12 चौकियों और घरों को निशाना फायरिंग की। यह गंभीर मामला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में मित्र बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात क्यों नहीं करते? सदैव निवर्तमान प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर चुप रहने का तंज कसने वाले मोदी अब खुद चुप क्यों है?, इसका जनता उनसे जवाब चाहती है।
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लो देखो गुजरात मॉडल -राजेन्द्र मौर्य- काफी अर्से तक भारतीय बाजार में कुछ ब्रांड नेम इतने चले कि लोगों में उत्पाद का नाम ही ब्रांड नेम बन गया। इसकेउदाहरण कोलगेट पेस्ट, सर्फ वाशिंग पावडर, लाइफबॉय साबुन आदि। समय केसाथ बाजार में तमाम ब्रांड आए और टीवी के जरिए उन्होंने अपनी जगह बाजार में बनाई। तो पुराने ब्रांडों ने अपने को रिलांच किया। इनमें एक साबुन ने लगभग बाजार से गायब होने की स्थिति पर जब अपने को रिलांच किया तो लोगों को सपना दिखाया कि इसके प्रयोग से कीटाणुओं से मुक्ति मिलेगी। रिलांचिंग में यह साबुन खूब बिकी, लेकिन जैसे ही इसकेउपयोग से असलियत खुली तो साबुन दुबारा टायलेट सोप बनकर रह गई। देश में पिछले ...
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मातृ मृत्यु रोजाना लगभग 800 माताओं की प्रसव के दौरान पर्याप्त रक्त न मिल पाने के कारण मौतें होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार पूरी दुनिया में प्रतिदिन लगभग 800 माताएं प्रसव के दौरान पर्याप्त रक्त न मिल पाने के कारण दम तोड़ देती हैं. संगठन के अनुसार दुनिया में मातृ मृत्यु के 99 फीसदी मामले विकासशील देशों में पाये जाते हैं इनमें से ज्यादातर मामले अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र और दक्षिण एशिया से आते हैं. भारत में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु होती है. रक्त समूह प्रणाली के खोजकर्ता और नोबेल पुरस्कार से नवाजे जा चुके कार्ल लैंडस्टाइनर के जन्मदिन के अवसर पर हर साल 14 जून को 'विश्व रक्तदाता दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
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इंसेफेलाइटिस को केंद्र सरकार महामारी घोषित कर सकती है पटना। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंच। जहां उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस को केंद्र सरकार महामारी घोषित कर सकती है। दरअसल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस पीड़ितों का हाल जानने के लिए एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों को बीमारी पर काबू पाने के निर्देश भी दिए। इंसेफेलाइटिस से अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के अलावा राज्य के दूसरे हिस्सों में भी यह बीमारी पांव पसार रही है।
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गलती सुधारनी चाहिए मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनने वाली 38 वर्षीय स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता 12वीं बताई गई है, इसको लेकर भी कई लोग तमाम आशंकाएं जाहिर कर रहे हैं। इसपर न केवल विपक्षी दल कांग्रेस बल्कि मोदी के समर्थक भी सवाल खड़े कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मोदी जी ने मंत्री बनाने और उनको विभागों के वितरण में तजुर्बे और एक्सपर्ट की बजाय स्वयं की इच्छा और पसंद को अधिक महत्व दिया है। हालांकि अभी से यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन कहीं न कहीं सभी विभागों पर एकाधिकार रखने की भी चाहत नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर हीरो की तरह पेश किए गए नरेंद्र मोदी की स्मृति ईरानी को मंत्री बनाने को लेकर आलोचना भी खूब हो रही है, जिसे नरेंद्र मोदी जी को गंभीरता से लेना चाहिए। और संभव हो तो इस गलती को समय रहते सुधार लिया जाए तो कोई बुरी बात भी नहीं है।
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दलितों को शिपिंग सर्विस में मिले प्राथमिकता मैं मोदी सरकार के भूतल परिवहन और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी से मिलने के लिए उनके दफ्तर पहुंचा, लेकिन वह मेरे पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही कहीं जा चुके थे। उनके सहायक को मैंने अपना एक पत्र सौंपा। इस पत्र में मैंने उनको बताया है कि शिपिंग कारपोरेशन द्वारा चयन परीक्षा के जरिए प्रारंभ से ही अनुसूचित जाति के छात्रों का प्रशिक्षु नॉटिकल आफिसर के लिए चयन किया जाता रहा है। और कारपोरेशन इनको अपने खर्च पर मेरीटाइम इंस्टीट्यूट में मेरीटाइम यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदत्त बीएससी (नॉटिकल साइंस) डिग्री कोर्स कराया जाता है, जिसका खर्च शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया वहन करती थी, लेकिन इस वर्ष से शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया ने यह खर्च 6.75 लाख रुपये सीधे अनुसूचित जाति के छात्रों से लेना शुरू कर दिया है और जॉब की प्राथमिकता भी समाप्त कर दी है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए शिपिंग सर्विस का रास्ता बंद कर दिया गया है। पत्र में गडकरी जी से अपेक्षा की गई है कि वह पुरानी व्यवस्था लागू करते हुए अनुसूचित जाति के छात...
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महाराष्ट्र में वंचितों के रहबर थे मुंडे भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे से मेरी कभी व्यक्तिगत रूप से बैठकर बात तो नहीं हुई, लेकिन उनके एक प्रशंसक ने कई बार उनके बारे में मुझे बताया तो मेरे मन में उनकी एक अच्छी छवि बनी और लगा कि वह महाराष्ट्र में गरीबों के रहबर की तरह काम कर रहे थे। उनकी प्राथमिकता में भले ही भाजपा का राजनीतिक एजेंडा था, लेकिन उनकी व्यक्तिगत इच्छा अपने गरीब समाज के लिए भी काफी कुछ करने की थी। मैं अगले दिनों में उनसे मिलने की सोच रहा था, लेकिन शायद ईश्वर को यह मंजूर नहीं था। पिछले सप्ताह ही उन्होंने मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभाला और शायद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की शुरुआत करने के लिए ही अपने निर्वाचन क्षेत्र बीड में बड़ी जनसभा के माध्यम से अपनी विजय का उत्सव मनाने जा रहे थे, लेकिन काल को कुछ और ही मंजूर था, जिसका नतीजा वे हमसे दूर अंतिम यात्रा पर चले गए। वह बंजारा समुदाय से थे, जो महाराष्ट्र में पिछड़े वर्ग में तो कई प्रदेशों में अनुसूचित जाति और जनजाति में भी शामिल हैं। तब ही तो वह पिछड़े वर्ग के साथ ...
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विवादित मुद्दों से बचें मोदी मोदी सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का जम्मू-कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 पर देश में बहस कराने का बयान जल्दबाजी में विवादित मुद्दों को उछालने वाला है, जो कतई सही नहीं कहा जा सकताहै। यह सभी मानते हैं कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुख्य एजेंडे में अनुच्छेद 370, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता हैं। नरेंद्र मोदी जी को चाहिए कि इन विवादित मुद्दों से बचकर जनता के बीच दिए गए विकास के मुद्दे पर पूरी शिद्दत से काम करें। ये मुद्दे उनको मुख्य उद्देश्य से भटका सकते हैं। देश की जनता को उनसे काफी उम्मीदें है, ऐसे में मोदी जी को इस तरह के मुद्दों को हवा देने से बचना चाहिए।
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चिराग पासवान को लख-लख बधाइयां लोक जनशक्ति पार्टी को पिछले पांच वर्षों में एक के बाद एक हार देखने को मिली, लेकिन इस बार माननीय रामविलास पासवान के सुपुत्र श्री चिराग पासवान के भाजपा के साथ एनडीए का हिस्सा बनने के निर्णय ने पार्टी को नई ताकत दी है, इसके लिए उन्हें लख-लख बधाइयां। मैं पासवान जी से उनके दिल्ली पहुंचने पर मिला और साथ ही चिराग को भी बधाई दी। मैं आदरणीय पासवान जी को अपना राजनीतिक गुरु मानता हूं और पिछले 25 वर्ष से बराबर उनके साथ जुड़ा हूं। पार्टी में राष्ट्रीय सचिव होने के नाते जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसको पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाने की कोशिश करता हूं। इन पांच वर्षों में पार्टी के कमजोर होने से कार्यकर्ता भी उदासीन हो रहे थे, लेकिन इस बार मिली जीत ने उनमें नया जोश भर दिया है। पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़ी और उनमें छह पर जीत हासिल की। सातवीं सीट भी काफी कम अंतर से हारे हैं। यह एक ऐतिहासिक सफलता है। 12 जनपथ, नई दिल्ली यानि आदरणीय रामविलास पासवान जी का आवास और ...
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उम्मीदों पर खरे उतरेंगे मोदी मैंने संसद के केंद्रीय कक्ष में एनडीए के चुने गए नेता और अगले दिनों में प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी का भाषण सुना। पूरे चुनाव में जहां मुझे उनका भाषण पूरी तरह राजनीतिक लगा, वहीं उनका भाषण गैरराजनीतिक दिल से दिया गया मार्मिक लगा। उनका इस दौरान भावुक होकर अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा का इजहार भी एक संस्कारित व्यक्तित्व का परिचय कराता दिखा। जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी सरकार का दर्शन पेश करते हुए कहा कि सबको साथ लेकर सबका विकास करने के मकसद के साथ उनकी सरकार गरीबों के लिए जिएगी।गरीबों की सुनेगी और गरीबों को समर्पित होगी, तो उससे अब तक की उनकी जगजाहिर छवि के विपरित एक सधा हुआ नेता सामने दिखाई दिया। मोदी ने जब कहा कि आखिरकार सरकार किस के लिए है। सरकार वही है, जो गरीबों के लिए सोचे। जो गरीबों की सुने। जो गरीबों के लिए जिए और उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरी सरकार देश के गरीबों को समर्पित है। देश के कोटि-कोटि युवको...
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कुछ वो झुकें,कुछ हम आगे बढ़ें! प्रमुख दलित चिंतक श्री चंद्रभान प्रसाद जी का मैंने एक समाचार पत्र में लेख पढ़ा, जिसमें उन्होंने दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र में स्कूली बैग बनाने वाली एक फैक्ट्री का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां सोलह कर्मचारियों में से बारह महिलाएं थीं, जिनमें से ज्यादातर सिलाई मशीन चलाती थीं। महिलाओं की जातिगत पृष्ठभूमि के बारे में पूछने पर पता चला कि उन बारह महिलाओं में से तीन ब्राह्मण थीं। उनमें से एक हरियाणा के महेंद्रगढ़, दूसरी बिहार के गोपालगंज और तीसरी दिल्ली के आजादपुर से थीं। नौ गैर-ब्राह्मण महिला कर्मचारियों में से दो उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की राजपूत थीं और एक बिहार के जमुई की बनिया जाति की थीं। यानी पचास फीसदी महिला कर्मचारी उच्च जाति से थीं। बाकी छह में से चार उत्तर प्रदेश और बिहार की पिछड़ी जाति से थीं और बाकी दो में से एक मुस्लिम और दूसरी दिल्ली की ईसाई थीं। श्री चंद्रभान प्रसाद जी ने एक और उदाहरण देकर बताया कि डेढ़ वर्ष पहले एक लोकप्रिय टीवी पत्रकार ने दिल्ली के सुरक्षा...
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पासवान ने एनडीए में शामिल होकर कोई गलती नहीं की वर्ष 2002 के गुजरात दंगे को लेकर 12 साल पूर्व राजग से अलग होने वाले लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा कि एनडीए में शामिल होकर उन्होंने कोई गलती नहीं की क्योंकि कांग्रेस और आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर अनिश्चितता के बीच उन्हें जिस तरह से अपमानित और किनारे कर दिया. इसके बाद अपनी पार्टी के हित को ध्यान में रखकर उन्हें यह फैसला करना पड़ा.पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पासवान ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत आदर्श भावना में बहकर धर्मनिरपेक्षता और पुराने गठबंधन (आरजेडी और लोजपा का) के नाम पर कांग्रेस और आरजेडी के साथ समझौते के लिए समय को बर्बाद किया जबकि लोजपा संसदीय बोर्ड का कहना था कि उन्हें बिना समय गंवाये यूपीए या एनडीए में जाने को लेकर निर्णय ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें यह अंदाजा हो गया था कि इसी तरह गठबंधन के मामले को खींचकर चुनाव की घोषणा तक ये दोनों दल ले जाएंगे और अंत में लोजपा को दो-तीन सीट देने की पेशकश कर उससे कहते कि उन सीटों पर चुनाव लड़ना है तो ...
कहानी : मजदूर की विरासत
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कहानी---- मजदूर की विरासत आर.के मौर्य दि ल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद के एक गांव वैली में शाम के समय एक कृषक मजदूर बलवंत के घर में उसकी पत्नी रामरती प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। बलवंत झोपड़ी के बाहर काफी तनाव में इधर-उधर घूम रहा था। बलवंत के पिता रामसिंह के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ दिख रही थीं। यह चिंता घर में संतानोत्पत्ति से अधिक इसके लिए होने वाले खर्च को लेकर थी। घर में एक रुपया भी नगदी नहीं थी। दाई बच्चा पैदा होेने पर पैसे मांगेगी तो कहां से देंगे, इसको लेकर रामसिंह ने बलवंत से कहा कि बेटा जाकर घर में रखे बर्तन बेचकर या फिर गिरवी रखकर कुछ पैसे ले आओ। बलवंत घर के बर्तन एक बोरे में लेकर गया और साहूकार के यहां से उनकेबदले 600 रुपये ले आया। झौपड़ी के अंदर से दाई काफी मायूसी में आई, उसने पुत्र पैदा होने के साथ ही रामरती के मरने की सूचना भी दी, जिसपर बलवंत बिलख पड़ा, जैसे उसपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बलवंत अपने पिता रामसिंह से लिपटकर रोते-रोते बेहोश हो गया। प्रसव खर्च को आए पैसे रामरती के अंतिम संस्कार में काम आए। रामरती की मौत के बाद बच्चे को पालने की जिम्मेदारी बलवंत की म...
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राजनीति में वंशवाद का नारा बेमायने --राजेन्द्र मौर्य---- देश के राष्ट्रपति रहे हैं ज्ञानी जैलसिंह। उनके पौत्र इंद्रजीत सिंह मेरे अच्छे मित्रों में हैं। राष्ट्रपति पद से हट जाने के बाद एक बार मैं ज्ञानी जी के पास बैठा था। मैंने उनसे पूछा कि क्या बात है, कि देश में अब हर चुनाव में गांधी-नेहरू परिवार को गैर कांग्रेसी दल राजनीति से बेदखल करने की बात करते हैं !, इसपर ज्ञानीजी ने बहुत ही सदा हुआ जवाब मुझे दिया कि ऐसा करने से किसी को कौन रोक रहा है, यह तो लोकतंत्र है जनता जब चाहे जिसको राजनीति से बाहर कर सकती है। लोग उनको वोट देना बंद कर दें, तो यह परिवार अपने आप बाहर हो जाएगा। इन दिनों लोकसभा चुनाव 2014 की तैयारी शुरू हो गई है। सभी दलों ने अपने-अपने तरीके से चुनीवी अभियान की शुरूआत कर दी है। चुनावी अभियान में एक बार फिर भाजपा अपने नए प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को लेकर मैदान में उतरी है। नरेंद्र मोदी ने भारत को वंशवाद से मुक्ति के लिए कांग्रेस को हराने का आह्वान किया है, लेकिन उनको...