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PAGDANDI KA GANDHI

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मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य.       "पगडंडी का गांधी"          लो कतंत्र की यही ताकत है, जिसमें किसान, मजदूर, व्यापारी कोई भी वह साधारण से साधारण व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मंत्री बन सकता है, जिसे जनता चाहती है। और जनता जिसे नकार दे तो वह बड़े से बड़े पद से बेदखल कर दिया जाता है। 1977 में इंदिरा गांधी को बुरी तरह हराने समेत इतिहास ऐसे तमाम उदाहरणों से भरा पड़ा है। इन दिनों भाजपा के दो कामदारों ने भारत को कांग्रेसमुक्त का नारा दिया हुआ है। यह नारा दरअसल नेहरू-गांधी परिवार से मुक्ति का है, जिसे पहले भी कई बार दिया चुका है पर जिसे जनता चाहती है तो फिर उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की मौत के बाद इंदिरा गांधी अपनी राजनीतिक स्वीकार्यता से आगे बढ़ीं और उनके साथ ही संजय गांधी ने भी अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया,  जहां वह 1977 में इंदिरा गांधी की हार के बड़े कारण बने वहीं 1980 में कांग्रेस की वापसी का भी काफी श्रेय उन्हीं को जाता है। मुझे वर्ष 1980 में अपनी बा...

हनुमानजी की जाति ?

मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य                                     हनुमानजी की जाति बताना और उसपर सवाल उठाना कतई गलत है। आखिर कब राजनीति में जाति और धर्म का घालमेल बंद होगा। हम प्राणी हैं, इंसान ने अपनी सोच के मुताबिक जाति और धर्म में बांट दिया, जिसको राजनीति पोषित करने का काम कर रही है। इसके विपरीत मैं देखता हूं कि कई देशों के मूल धर्म समाप्ति की ओर हैं और उनके धर्मस्थल वीरान हो रहे हैं, लोग स्वेच्छा से दूसरे धर्म अपना रहे हैं। कई धर्म स्थलों के बिक जाने के भी उदाहरण सामने आ रहे हैं। पर इससे संबंधित देश की सरकार को कोई मतलब नहीं है। मैंने देखा एक देश में हमारे भारतीय गणपति भगवान की पालकी चर्च में लेकर गए तो वहां न केवल चर्च के पादरी ने स्वागत किया बल्कि मौजूद ईसाइयों ने भी पूजा-पाठ में शामिल होकर सभी को भोजन कराया। इससे कहीं भी दोनों धर्मों के लोगों की अपने धर्म के प्रति आस्था में कमी नहीं आती, बल्कि आपस में प्यार और सद्भाव बढ़ता है, जो एक-दूसरे के साथ रहने की ताकत बनता है। जब मैं अपने देश की सरका...
दलित नायक : बीपी मौर्य राजेन्द्र मौर्य अ लीगढ़ के खैर में एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले बुद्ध प्रिय मौर्य का मूल नाम भगवती प्रसाद था। बीएससी और फिर एलएलएम करने के बाद वे अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में ही प्राध्यापक रहे। वैसे उनका जन्म 12 सितंबर 1928 को होना बताया जाता है, लेकिन बुद्ध प्रिय मौर्य सदैव कहा करते थे कि उनका जन्म ज्येष्ठ माह में तब हुआ था जब उनकी माता खेत में मजदूरी कर रही थीं। उस समय बैसाख माह की पूर्णिमा अर्थात बुद्ध पूर्णिमा थी। इसलिए वे अपना जन्मदिन बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही मनाते थे। पहली बार उन्होंने 1962 में अलीगढ़ लोकसभा सीट से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले चुनाव लड़ा। मुस्लिम बहुल्य सीट होने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर सीट हासिल की थी। उस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू ने सभा को संबोधित किया था। सांसद बनने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था। रिपब्लिकन...
भारत रत्न  पंडित  गोविंद बल्लभ पंत को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजली।
🌱जब मैंने जन्म लिया,वहां 1नारी  थी जिसने मुझे थाम लिया......                                                                                      🍀मेरी माँ🍀 🌱बचपनमें जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया 1 नारी वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी.....   🍀मेरी बहन🍀                                              ...
जनलोकपाल की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल अब अपनी पार्टी के लोकपाल और अपने नेताओं के सवालों को क्यों नजर अंदाज कर रहे हैं l
=आपसी विश्वास= संत कबीर रोज सत्संग किया करते थे। दूर-दूर से लोग उनकी बात सुनने आते थे। एक दिन सत्संग खत्म होने पर भी एक आदमी बैठा ही रहा। कबीर ने इसका कारण पूछा तो वह बोला, ‘मुझे आपसे कुछ पूछना है। मैं गृहस्थ हूं, घर में सभी लोगों से मेरा झगड़ा होता रहता है। मैं जानना चाहता हूं कि मेरे यहां गृह क्लेश क्यों होता है और वह कैसे दूर हो सकता है?’ कबीर थोड़ी देर चुप रहे, फिर उन्होंने अपनी पत्नी से कहा, ‘लालटेन जलाकर लाओ’। कबीर की पत्नी लालटेन जलाकर ले आई। वह आदमी भौंचक देखता रहा। सोचने लगा इतनी दोपहर में कबीर ने लालटेन क्यों मंगाई। थोड़ी देर बाद कबीर बोले, ‘कुछ मीठा दे जाना।’ इस बार उनकी पत्नी मीठे के बजाय नमकीन देकर चली गई। उस आदमी ने सोचा कि यह तो शायद पागलों का घर है। मीठा के बदले नमकीन, दिन में लालटेन। वह बोला, ‘कबीर जी मैं चलता हूं।’ कबीर ने पूछा, ‘आपको अपनी समस्या का समाधान मिला या अभी कुछ संशय बाकी है?’ वह व्यक्ति बोला, ‘मेरी समझ में कुछ नहीं आया।’ कबीर ने कहा, ‘जैसे मैंने लालटेन मंगवाई तो मेरी घरवाली कह सकती थी कि तुम क्या सठिया गए हो। इतनी दोपहर में लालटेन की क्या जरूरत। लेकिन न...
लोजपा सुप्रीमो एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से शाम 6.30 बजे मिलने का समय निर्धारित था। मैं समय से पहुंचा, लेकिन उनके सरकारी आवास 12 जनपथ नई दिल्ली पर बिजली आपूर्ति ठप थी, जिसके कारण उन्होंने आवास से बाहर आकर खुले में बैठकर ही लोगों से मुलाकात की। मेरी मुलाकात के दौरान राजनीतिक चर्चा हुई।

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पाकिस्तान बॉर्डर पर हो रही फायरिंग को मोदी सरकार गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है? पाक ने 12 चौकियों और घरों को निशाना फायरिंग की। यह गंभीर मामला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में मित्र बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात क्यों नहीं करते? सदैव निवर्तमान प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर चुप रहने का तंज कसने वाले  मोदी अब खुद चुप क्यों है?, इसका जनता उनसे जवाब चाहती है।
Jammu - Kashmir National Conference has always been a timeserver politics. It is possible now headed by Omar Abdullah and Farooq Abdullah're looking at the center with the Modi government.
लो देखो गुजरात मॉडल                                                                 -राजेन्द्र मौर्य- काफी अर्से तक भारतीय बाजार में कुछ ब्रांड नेम इतने चले कि लोगों में उत्पाद का नाम ही ब्रांड नेम बन गया। इसकेउदाहरण कोलगेट पेस्ट, सर्फ वाशिंग पावडर, लाइफबॉय साबुन आदि। समय केसाथ बाजार में तमाम ब्रांड आए और टीवी के जरिए उन्होंने अपनी जगह बाजार में बनाई। तो पुराने ब्रांडों ने अपने को रिलांच किया। इनमें एक साबुन ने लगभग बाजार से गायब होने की स्थिति पर जब अपने को रिलांच किया तो लोगों को सपना दिखाया कि इसके प्रयोग से कीटाणुओं से मुक्ति मिलेगी। रिलांचिंग में यह साबुन खूब बिकी, लेकिन जैसे ही इसकेउपयोग से असलियत खुली तो साबुन दुबारा टायलेट सोप बनकर रह गई। देश में पिछले ...
  मातृ मृत्यु रोजाना लगभग 800 माताओं की प्रसव के दौरान पर्याप्त रक्त न मिल पाने के कारण मौतें होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार पूरी दुनिया में प्रतिदिन लगभग 800 माताएं प्रसव के दौरान पर्याप्त रक्त न मिल पाने के कारण दम तोड़ देती हैं. संगठन के अनुसार दुनिया में मातृ मृत्यु के 99 फीसदी मामले विकासशील देशों में पाये जाते हैं इनमें से ज्यादातर मामले अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र और दक्षिण एशिया से आते हैं. भारत में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु होती है. रक्त समूह प्रणाली के खोजकर्ता और नोबेल पुरस्कार से नवाजे जा चुके कार्ल लैंडस्टाइनर के जन्मदिन के अवसर पर हर साल 14 जून को 'विश्व रक्तदाता दिवस' के रूप में मनाया जाता है.  
इंसेफेलाइटिस को केंद्र सरकार महामारी घोषित कर सकती है पटना। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंच। जहां उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस को केंद्र सरकार महामारी घोषित कर सकती है। दरअसल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस पीड़ितों का हाल जानने के लिए एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों को बीमारी पर काबू पाने के निर्देश भी दिए। इंसेफेलाइटिस से अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के अलावा राज्य के दूसरे हिस्सों में भी यह बीमारी पांव पसार रही है।  
गलती सुधारनी चाहिए  मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनने वाली 38 वर्षीय स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता 12वीं बताई गई है, इसको लेकर भी कई लोग तमाम आशंकाएं जाहिर कर रहे हैं। इसपर न केवल विपक्षी दल कांग्रेस बल्कि मोदी के समर्थक भी सवाल खड़े कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मोदी जी ने मंत्री बनाने और उनको विभागों के वितरण में तजुर्बे और एक्सपर्ट की बजाय स्वयं की इच्छा और पसंद को अधिक महत्व दिया है। हालांक‌ि अभी से यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन कहीं न कहीं सभी विभागों पर एकाधिकार रखने की भी चाहत नजर आ रही है। सोशल ‌मीडिया पर हीरो की तरह पेश किए गए नरेंद्र मोदी की स्मृति ईरानी को मंत्री बनाने को लेकर आलोचना भी खूब हो रही है, जिसे नरेंद्र मोदी जी को गंभीरता से लेना चाहिए। और संभव हो तो इस गलती को समय रहते सुधार लिया जाए तो कोई बुरी बात भी नहीं है।  
दलितों को शिपिंग सर्विस में मिले प्राथमिकता मैं मोदी सरकार के भूतल परिवहन और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी से मिलने के लिए उनके दफ्तर पहुंचा, लेकिन वह मेरे पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही कहीं जा चुके थे। उनके सहायक को मैंने अपना एक पत्र सौंपा। इस पत्र में मैंने उनको बताया है कि शिपिंग कारपोरेशन द्वारा चयन परीक्षा के जरिए प्रारंभ से ही अनुसूचित जाति के छात्रों का प्रशिक्षु नॉटिकल आफिसर के लिए चयन किया जाता रहा है। और कारपोरेशन इनको अपने खर्च पर मेरीटाइम इंस्टीट्यूट में मेरीटाइम यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदत्त बीएससी (नॉटिकल सा‌इंस) डिग्री कोर्स कराया जाता है, जिसका खर्च शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया वहन करती थी, लेकिन इस वर्ष से शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया ने यह खर्च 6.75 लाख रुपये सीधे अनुसूचित जाति के छात्रों से लेना शुरू कर दिया है और जॉब की प्राथमिकता भी समाप्त कर दी है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए शिपिंग सर्विस का रास्ता बंद कर दिया गया है। पत्र में गडकरी जी से अपेक्षा की गई है कि वह पुरानी व्यवस्था लागू करते हुए अनुसूचित जाति के छात...
महाराष्ट्र में वंचितों के रहबर थे मुंडे  भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे से मेरी कभी व्यक्तिगत रूप से बैठकर बात तो नहीं हुई, लेकिन उनके एक प्रशंसक ने कई बार उनके बारे में मुझे बताया तो मेरे मन में उनकी एक अच्छी छव‌ि बनी और लगा कि वह महाराष्ट्र में गरीबों के रहबर की तरह काम कर रहे थे। उनकी प्राथमिकता में भले ही भाजपा का राजनीतिक एजेंडा था, लेकिन उनकी व्यक्तिगत इच्छा अपने गरीब समाज के लिए भी काफी कुछ करने की थी। मैं अगले दिनों में उनसे मिलने की सोच रहा था, लेकिन शायद ईश्वर को यह मंजूर नहीं था।   पिछले सप्ताह ही उन्होंने मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभाला और शायद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की शुरुआत करने के लिए ही अपने निर्वाचन क्षेत्र बीड में बड़ी जनसभा के माध्यम से अपनी विजय का उत्सव मनाने जा रहे थे, लेकिन काल को कुछ और ही मंजूर था, जिसका नतीजा वे हमसे दूर अंतिम यात्रा पर चले गए। वह बंजारा समुदाय से थे, जो महाराष्ट्र में पिछड़े वर्ग में तो कई प्रदेशों में अनुसूचित जाति और जनजाति में भी शामिल हैं। तब ही तो वह पिछड़े वर्ग के साथ ...
काला धन लाने को एसआईटी गठित ‌किए जाने का मोदी सरकार का फैसला सराहनीय है। उम्मीद की जानी चाहिए क‌ि विदेशों में जमा और देश में छिपा काला धन सरकार निकालने में कामयाब होगी।
विवादित मुद्दों से बचें मोदी मोदी सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का जम्मू-कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 पर देश में बहस कराने का बयान जल्दबाजी में विवादित मुद्दों को उछालने वाला है, जो कतई सही नहीं कहा जा सकताहै। यह सभी मानते हैं कि  राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुख्य एजेंडे में अनुच्छेद 370, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता हैं। नरेंद्र मोदी जी को चाहिए कि इन विवादित मुद्दों से बचकर जनता के बीच दिए गए विकास के मुद्दे पर पूरी शिद्दत से काम करें। ये मुद्दे उनको मुख्य उद्देश्य से भटका सकते हैं। देश की जनता को उनसे काफी उम्मीदें है, ऐसे में मोदी जी को इस तरह के मुद्दों को हवा देने से बचना चाहिए। 
चिराग पासवान को लख-लख बधाइयां लोक जनशक्ति पार्टी को पिछले पांच वर्षों में एक के बाद एक हार देखने को मिली, लेकिन इस बार माननीय रामविलास पासवान के सुपुत्र श्री चिराग पासवान के  भाजपा के साथ एनडीए का हिस्सा बनने के निर्णय ने पार्टी को नई ताकत दी है, इसके लिए उन्हें लख-लख बधाइयां। मैं पासवान जी से उनके दिल्ली पहुंचने पर मिला और साथ ही चिराग को भी बधाई दी।  मैं आदरणीय पासवान जी को अपना राजनीतिक गुरु मानता हूं और पिछले 25 वर्ष से बराबर उनके साथ जुड़ा हूं। पार्टी में राष्ट्रीय सचिव होने के नाते जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसको पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाने की कोशिश करता हूं। इन पांच वर्षों में पार्टी के कमजोर होने से कार्यकर्ता भी उदासीन हो रहे थे, लेकिन इस बार मिली जीत ने उनमें नया जोश भर दिया है। पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़ी और उनमें छह पर जीत हासिल की। सातवीं सीट भी काफी कम अंतर से हारे हैं। यह एक ऐतिहासिक सफलता है। 12 जनपथ, नई दिल्ली यानि आदरणीय रामविलास पासवान जी का आवास और ...
उम्मीदों पर खरे उतरेंगे मोदी मैंने संसद के केंद्रीय कक्ष में एनडीए के चुने गए नेता और अगले दिनों में प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी का भाषण सुना। पूरे चुनाव में जहां मुझे उनका भाषण पूरी तरह राजनीतिक लगा, वहीं उनका भाषण गैरराजनीतिक दिल से दिया गया मार्मिक लगा। उनका इस दौरान भावुक होकर अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा का इजहार भी एक संस्कारित व्यक्तित्व का परिचय कराता दिखा।  जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी सरकार का दर्शन पेश करते हुए कहा कि सबको साथ लेकर सबका विकास करने के मकसद के साथ उनकी सरकार गरीबों के लिए जिएगी।गरीबों की सुनेगी और गरीबों को समर्पित होगी, तो उससे अब तक की उनकी जगजाहिर छवि के विपरित एक सधा हुआ नेता सामने दिखाई दिया। मोदी ने जब कहा कि आखिरकार सरकार किस के लिए है। सरकार वही है, जो गरीबों के लिए सोचे। जो गरीबों की सुने। जो गरीबों के लिए जिए और  उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरी सरकार देश के गरीबों को समर्पित है। देश के कोटि-कोटि युवको...